गांजा, नशा या शिव की बूटी! मध्य प्रदेश में क्यों तूल पकड़ रहा ये मामला?

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भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत में नशे पर नई बहस छिड़ती दिख रही है, क्योंकि राजनीति में अब गांजे की एंट्री हो गई है. यह पूरा मामला कांग्रेस विधायक और दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह से जुड़ा हुआ है. उन्होंने एक ऐसा ट्वीट किया है जो प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, जिस पर अब बीजेपी भी एक्टिव हो गई है.

कांग्रेस विधायक ने गांजे को बताया नशा
दरअसल, कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने एक ट्वीट करते हुए गांजे को नशा बताया है. उन्होंने लिखा कि गांजे को दुर्भाग्यवश “धर्म”से जोड़ा जा रहा है, “शिव बूटी” का नाम देकर. यही कारण है इसका सेवन अत्यधिक बढ़ता जा रहा है, जिससे युवा बर्बाद हो रहे हैं. शास्त्रों के अनुसार शिवजी ने अमृत मंथन में निकला विष पिया था, गांजा नहीं. कांग्रेस ने विधायक ने कहा कि गांजे को शिव बूटी का नाम दिया जा रहा है, लेकिन गांजे के सेवन से युवा बर्बाद हो रहे हैं, शिव बूटी के नाम पर गांजे को बढ़ाबा देकर युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है, इसलिए इसे रोकना चाहिए.

बीजेपी ने साधा निशाना
वहीं कांग्रेस विधायक के ट्वीट पर बीजेपी ने भी निशाना साधना शुरू कर दिया है, बीजेपी नेता हितेष वाजपेयी ने कहा कि ”धर्मनिरपेक्ष दिखाने के चक्कर में भगवान शिव को बदनाम मत करिए, गांजे के पौधे में जो दो रसायन पाए जाते हैं वो हैं टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल यानी टीएचसी और कैनाबिडॉल यानी सीबीडी. गांजे में नशा टीएचसी की मौजूदगी के कारण होता है. कैनाबिडॉल में नशे के कोई गुण नहीं हैं और इसके इस्तेमाल से किसी को नशे की लत नहीं लगती. कई आयुर्वेदिक दवाएं हैं. जिनमें न केवल विजया का इस्तेमाल किया जानता है बल्कि अफीम का भी इस्तेमाल होता है.”

बीजेपी नेता ने लिखा कि ”ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कैसे इस्तेमाल करते है और इसका इस्तेमाल कितना महत्वपूर्ण है. भारत में 2.1 फीसदी लोग इस तरह के पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए जबरदस्ती भगवान शिव को बदनाम मत करिए अपने आप को “धर्म निरपेक्ष” दिखाने के चक्कर में महाराज!” मैं आपका मुकाबला नहीं कर सकता. ऐसे में यह मामला अब प्रदेश की राजनीति में तूल पकड़ता नजर आ रहा है.