एक दूसरे पर जमकर टूट पड़े गहलोत-पायलट, जुबान से निकली ऐसी-ऐसी…

Gehlot-Pilot broke down fiercely on each other, such...
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नई दिल्ली: कांग्रेस में अध्यक्ष पद का मसला हल हो गया है, मगर राजस्थान की रार का अब तक कोई समाधान नहीं मिल पाया है. कांग्रेस में राजस्थान का बवाल थमने के नाम ही नहीं ले रहा है और मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट का मामला और भी उलझता जा रहा है. राजस्थान में जारी कलह के बीच सचिन पायलट की राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ तस्वीर सामने आते ही एक बार फिर अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर खुलेआम सियासी हमला कर दिया. अशोक गहलोत ने दावा किया कि कांग्रेस विधायक पायलट को सीएम बनाने के पक्ष में नहीं हैं. गहलोत ने यह भी दावा किया कि पायलट के पास केवल 10 विधायकों का ही समर्थन है.

गुप्त मतदान के जरिए हो सीएम की कुर्सी का फैसला
इस बीच सचिन पायलट ने भी कांग्रेस आलाकमान से मांग कर दी है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री का फैसला गुप्त मतदान के जरिए ही हो. सूत्रों के मुताबिक, ताजा घटनाक्रम के बाद सचिन पायलट ने कांग्रेस नेतृत्व से कहा कि अशोक गहलोत द्वारा कभी 10 तो कभी 20 विधायकों के समर्थन की बात, मेरा ध्यान भटकाने की कोशिश है. कांग्रेस नेतृत्व से बातचीत में सचिन ने गहलोत को खुली चुनौती दी है और कहा है कि मुख्यमंत्री पद के लिए विधायकों की गुप्त राय ली जाए, उसमें गहलोत को समर्थन नहीं मिलेगा.

गहलोत के दबाव में सामने नहीं आ रहे कांग्रेस विधायक
सचिन का दावा है कि अशोक गहलोत के हटने से राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को कोई खतरा नहीं होगा. पायलट का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दबाव के चलते विधायक सामने नहीं आ रहे हैं. राजस्थान कांग्रेस के विधायक अगला चुनाव जीतने के लिए मुख्यमंत्री बदलना चाहते हैं, इसीलिए गुप्त मतदान से फैसला हो. सचिन पायलट ने गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद गुप्त मतदान की मांग की. माना जा रहा है कि सचिन पायलट भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में समाप्त होने तक इंतजार करने को तैयार हैं.

…तो फिर दोबारा नहीं करेंगे नेतृत्व परिवर्तन की मांग
सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान से कहा कि अगर बहुमत अशोक गहलोत के पक्ष में हुआ तो वे दोबारा नेतृत्व परिवर्तन की मांग नहीं करेंगे और गहलोत के नेतृत्व में चुनाव में जी जान से लगेंगे. सूत्र कहते हैं कि सचिन ने आलाकमान से कहा है कि केवल और केवल गुप्त मतदान का फैसला ही मुझे मंजूर होगा. अशोक गहलोत को भी यह मंजूर होना चाहिए. अब राजस्थान को लेकर कांग्रेस नेतृत्व को फैसला करना है. बता दें कि राजस्थान में बीते कुछ महीनों से मुख्यमंत्री कुर्सी को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट में खींचतान जारी है.