न्यूयॉर्क। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक माने जाने वाले जेफ्री हिंटन ने गूगल से इस्तीफा दे दिया है। ‘गॉडफादर ऑफ एआई’ कहे जाने वाले हिंटन ने सोमवार को गूगल छोड़ने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि जिस तकनीक को विकसित करने में मदद की, उसके ‘खतरों’ को लेकर आगाह करते हुए उन्होंने पिछले सप्ताह गूगल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
जेफ्री हिंटन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एआई आधारित कई प्रोडक्ट को विकसित करने में हिंटन की अग्रणी भूमिका रही है। उन्होंने गूगल के एआई विकसित करने के प्रोजेक्ट के लिए एक दशक तक काम किया, लेकिन उन्हें प्रौद्योगिकी और इसे आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका के बारे में चिंता सता रही थी।
कंप्यूटिंग का नोबेल पुरस्कार पा चुके हैं जेफ्री हिंटन
जेफ्री हिंटन अपने उत्तम कार्य के लिए कंप्यूटिंग का नोबेल पुरस्कार पा चुके हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि मैं खुद को दिलासा देता हूं कि अगर मैंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर काम नहीं किया होता, तो कोई और करता। सबसे जरूरी बात यह है कि इस तकनीक को हम गलत इस्तेमाल या बुरे लोगों के हाथों में जाने से कैसे रोक सकते हैं।
बता दें कि हिंटन 10 साल से ज्यादा समय तक गूगल के कर्मचारी रहे। आगे हिंटन ने कहा कि एआई के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को रोकना असंभव हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप इतनी नकली इमेज और टेक्स्ट वाली दुनिया होगी कि कोई भी यह नहीं बता पाएगा कि सच क्या है जो कि काफी भयानक हो सकता है।
ChatGPT के आने से एआई तकनीक को मिला बढ़ावा
तकनीकी दिग्गज जेफ्री हिंटन और उनके दो छात्रों द्वारा शुरू की गई एक कंपनी के अधिग्रहण के बाद वे गूगल में शामिल हो गए, जिनमें से एक छात्र ओपनएआई में मुख्य वैज्ञानिक बन गया। हिंटन और उनके छात्रों ने एक न्यूरल नेटवर्क विकसित किया था जो हजारों तस्वीरों का विश्लेषण करने के बाद खुद को कुत्तों, बिल्लियों और फूलों जैसी सामान्य वस्तुओं की पहचान करना सिखाता था। यह वह कार्य है जिसके कारण अंततः ChatGPT और गूगल बार्ड का निर्माण हुआ।
वहीं गूगल के चीफ साइंटिस्ट, जेफ डीन ने हिंटन द्वारा रखी गई चिंताओं पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस तरह के खतरे को कम करने के हम एआई तकनीक को लेकर एक जिम्मेदार दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जैसा कि हम देख रहे हैं कि एआई ने पिछले कुछ समय से तकनीक के क्षेत्र में काफी तेजी से पैर पसारे हैं। रोबोट से लेकर अन्य तकनीकी कामों में एआई को उपयोग हो रहा है। हालांकि वैज्ञानिक इसके द्वारा उपजे खतरे से बचने की सलाह देते रहते हैं।