यूपी के एक लाख से ज्यादा होमगार्ड्स के लिए खुशखबरी, अब उन्हें समय पर वेतन और भत्ते मिलेंगे

Good news for more than one lakh home guards of UP, now they will get salary and allowances on time
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अलग-अलग विभागों के अधीन काम कर रहे एक लाख से अधिक होम गार्ड्स को अब समय से वेतन-भत्ते प्राप्त हो सकेंगे। यूपी सरकार के स्तर से इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। अपर मुख्य सचिव होमगार्ड अनिल कुमार के स्तर अधिकारियों को जारी निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि उनके अधीन ड्यूटी कर रहे होम गार्ड्स की दैनिक उपस्थिति और अनुपस्थिति को आनलाइन दर्ज करना अनिवार्य होगा। उनके ड्यूटी मस्टरोल को भी आनलाइन भेजना अनिवार्य किया गया है ताकि समय से वेतन भत्ता दिया जा सकें। बता दें कि समय से मस्टरोल न मिलने के चलते प्रदेश में कार्यरत होम गार्ड्स का वेतन भत्ता समय से नहीं मिल पाता है।

अपर मुख्य सचिव अनिल कुमार द्वारा प्रदेश के पुलिस कमिश्नरों, जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों व पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में निर्देश जारी किया गया है। इसमें यूजर्स (होमगाईस प्राप्तकर्ता अधिकारी) द्वारा उदासीनता पर नाराजगी भी जाहिर की गई है। कहा गया है कि प्रदेश के सभी जिलों में जिन प्रशासनिक अधिकारियों के साथ थानों व अन्य ड्यूटी स्थल पर होम गार्ड्स तैनात किए जाते हैं।

उन सभी ड्यूटी स्थल की लागिन आइडी एनआइसी द्वारा संबंधित जिला कमांडेंट के माध्यम से ड्यूटी स्थल के प्रभारी अधिकारी को प्राप्त कराई जा चुकी है। आइडी का पासवर्ड बनाने, लागिन करने के पश्चात ड्यूटी स्थल पर नियोजित समस्त होम गार्डस का विवरण देखने तथा उसकी दैनिक उपस्थिति व अनुपस्थिति भरे जाने के संबंध में पूर्ण प्रक्रिया से उन्हें अवगत कराया जा चुका है। इसके बावजूद कुछ यूजर्स (होमगाईस प्राप्तकर्ता अधिकारी) द्वारा उदासीनता का परिचय दिया जा रहा है।

कहा गया है कि होम गार्ड्स द्वारा पूरे माह अपनी ड्यूटी मेहनत एवं लगन के साथ करने के बाद भी यूजर्स की उदासीनता के कारण उनके ड्यूटी भत्ते के भुगतान में अनावश्यक विलंब किया जाना संवेदनशीलता का परिचायक नहीं है। विभाग की वेबसाइट में दर्ज जानकारी के आधार पर एक होम गार्ड स्वयंसेवक को ड्यूटी पूर्ण करने पर प्रति दिन 600 रुपये ड्यूटी भत्ता (महंगाई भत्ता छोड़कर) दिया जाता है।

एक लाख से अधिक होम गार्ड्स हैं कार्यरत
प्रदेश में होम गार्ड्स की कुल स्वीकृत संख्या 1.18 लाख है। ग्रामीण पुरुष कंपनियों की संख्या 785, जबकि नगरीय पुरुष कंपनियों की संख्या 341 है। वहीं, नगरीय महिला प्लाटून कंपनियों की संख्या 25 और नगरीय स्वतंत्र महिला प्लाटून की संख्या 60 है।