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चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है। विपक्ष ने सत्र को बढ़ाने की मांग की थी लेकिन कार्य सलाहकार समिति की बैठक में उनकी मांग सिरे नहीं चढ़ी। सत्र के दौरान जबरदस्त हंगामे के आसार हैं। विपक्ष राज्य में जहरीली शराब कांड, फसल मुआवजा और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। वहीं, सरकार के मुखिया मनोहर लाल भी विपक्ष के सवालों का सामना करने को तैयार हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को कहा कि सरकार के खिलाफ विपक्ष के पास कुछ भी नहीं है। हम कमजोर नहीं हैं। हर सवाल का ठोस जवाब दिया जाएगा। शीत सत्र के दौरान सरकार चार बिल पेश कर सकती है। इनमें होटल-रेस्टोरेंट में हुक्का बार परोसने वालों पर कड़ी कार्रवाई, मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023, कबूतरबाजी पर शिकंजा और निजी विश्वविद्यालय से संबंधित बिल शामिल हैं। हालांकि गुरुवार तक विधानसभा सचिवालय के पास सिर्फ दो बिल पहुंचे थे।
राज्य सरकार विधानसभा कार्यालय के पास 15 दिसंबर तक बिल भेज सकती है। ऐसे में आसार जताए जा रहे हैं कि बाकी बिल शुक्रवार तक विधानसभा सचिवालय पहुंच जाएंगे। विधानसभा सत्र के दौरान कुल 60 तारांकित प्रश्न सत्र की कार्यवाही का हिस्सा बनेंगे। वहीं, 156 अतारंकित प्रश्न पूछे गए हैं। 49 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव व एक अल्पअवधि प्रस्ताव की सूचना प्राप्त हुई है। एक काम रोका प्रस्ताव भी विधानसभा सचिवालय के पास पहुंचा था। विधानसभा सचिवालय ने अभी तक सिर्फ दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
सत्र में पेश किए जाएंगे ये विधेयक
हुक्का परोसने पर दस साल तक होगी कैद: हुक्का परोसने वालों पर शिकंजा कसने के लिए सरकार शीतकालीन सत्र में बिल ला रही है। इसके तहत यदि होटल, बार और रेस्त्रां में हुक्का परोसा तो आरोपियों पर एक लाख से लेकर दस लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ गैरजमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी। गांव व चौपालों में पारंपरिक हुक्के को इसमें छूट दी गई है।
शव लेकर नहीं कर सकेंगे प्रदर्शन: सत्र के दौरान मृत शरीर सम्मान विधेयक भी पेश किया जाएगा। इसके तहत शव के साथ प्रदर्शन करने वालों पर जुर्माना लगाने और कानूनी कार्रवाई का प्रावधान रखा जाएगा। इस बिल के पास होने के बाद विरोध प्रदर्शन की स्थिति में शव के अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी पुलिस व प्रशासन की होगी। कबूतरबाजी पर कसेगा शिकंजा: पंजाब व चंडीगढ़ की तर्ज पर हरियाणा सरकार रजिस्ट्रेशन एवं रेगुलेशन आफ द ट्रैवेल एजेंसीज एक्ट का बिल सरकार ला रही है। इसके तहत हर ट्रैवल एजेंसी को लाइसेंस लेना पड़ेगा और रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा।
निजी विश्वविद्यालय पर सख्ती: शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार निजी विश्वविद्यालय विधेयक भी ला रही है। इसके तहत छात्रों को आरक्षण के तहत दाखिले व फीस में छूट नहीं देने पर सरकार शिकंजा कस सकेगी। विधेयक में यह भी शामिल किया गया कि नियमों के उल्लंघन पर दस लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक जुर्माना होगा।