Palms Indicate Aabout Bad Health: हथेलियां और हाथ पूरे शरीर का आइना होते हैं. जिन रोगों के लक्षण शुरुआती स्तर पर स्पष्ट तौर पर नजर नहीं आते हैं. आपकी हथेलियां और हाथ इन्हें एकदम शुरू से ही दर्शाने लगते हैं. हाथ और हथेलियां देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि शरीर में किसी तरह की कोई परेशानी तो नहीं है.
माना जाता है कि जो लोग अपने शरीर की भाषा समझना सीख जाते हैं, ऐसे लोगों को कभी कोई गंभीर बीमारी नहीं होती है. यही कारण है कि पुराने समय में आज की तरह मेडिकल सुविधाएं न होने के बाद भी लोग स्वस्थ और दीर्घायु रहते थे. यहां हम आपको बता रहे हैं कि हाथ और हथेलियों से सेहत का हाल कैसे समझा जाता है.
उंगलियों का नीला होना
अगर आपकी फिंगर टिप्स हल्की नीली दिखाई दे रही हैं, तो इसका मतलब यह है कि आपकी बॉडी में ऑक्सीजन का फ्लो सही नहीं है. इस समस्या को रेनाड्स सिंड्रोम कहा जाता है. रक्त धमनियों और वाहिकाओं में अचानक ऐंठन आने पर यह समस्या होती है.
वहीं, आपको खून में ऑक्सीजन स्तर की कमी होना भी इसका एक कारण हो सकता है. इसके अलावा आपको हल्का बुखार या निमोनिया के लक्षण नजर आते हैं, तो ये फेफड़ों की बीमारी होने का असर हो सकता है. ऐसे में आपको डॉक्टर को दिखाने में बिल्कुल भी देरी नहीं ककरनी चाहिए.
उंगलियों का सुन्न होना
ब्लड सर्कुलेशन में परेशानी होने पर उंगलियों में सुन्नता होती है. यह हार्ट से जुड़ी बीमारी होने का लक्षण भी हो सकता है. इसलिए इस तरह की परेशानी होने पर आपको बिल्कुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.
उंगलियों में चुभन होना
हाथ की उंगलियों में चुभन होना इस बात की तरफ इशारा करती है कि आपकी डाइट में जरूरी विटामिन्स की कमी होना है. अगर यह चुभन पैर की नसों तक पहुंचती है, तो इसका मतलब है कि आपकी बॉडी को डायट्री सप्लीमेंट्स की जरूरत है. इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से जल्द से जल्द सलाह लेकर, दवाएं शुरू कर देना चाहिए.
हथेली पर रेडनेस होना
अगर आपकी हथेली लंबे समय तक के लिए लाल रहती है, तो यह लीवर की समस्या का संकेत हो सकता है. यह नॉन एल्कोहोलिक फैटी लीवर का लक्षण भी हो सकता है. इस लक्षण को अनदेखा न करें और डॉक्टर से संपर्क करें.
उंगलियों में बोन-स्पर
उंगुलियों के जोड़ों की हड्डियों में हड्डी निकलने का आभास होता है. इससे काम करने में काफी दिक्कते आती हैं. इसके अलावा इससे उंगलियों का आकार भी बिगड़ा हुआ नजर आता है. यह ओस्टियोअर्थराइटिस का लक्षण हो सकता है. फिजिकल थेरेपी और गर्म या ठंडी सिकाई करें. इसके अलावा आपको इसके दर्द से राहत पाने के लिए सर्जरी भी करवाना पड़ सकता है.