Covid-19 के बाद बढ़े हार्ट अटैक! एक्सपर्ट ने माना- कोरोना वायरस कर सकता है दिल को खराब

Heart attacks increased after Covid-19! Expert agreed- Corona virus can damage the heart
Heart attacks increased after Covid-19! Expert agreed- Corona virus can damage the heart
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पिछले कुछ समय में दिल का दौरा (heart attack) पड़ने से होने वाली मौतों में काफी बढ़ोतरी देखी गई है. विशेषज्ञ इस अचानक उछाल के कारणों की तलाश कर रहे हैं और अब एक नए शोध से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. अध्ययन बताता है कि कोरोना संक्रमण दिल को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे भविष्य में दिल का दौरा (cause o पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.

जर्नल सर्कुलेशन में प्रकाशित एक नए अध्ययन में पाया गया है कि कोरोना वायरस सीधे दिल के टिशू को संक्रमित किए बिना भी दिल को नुकसान पहुंचा सकता है. शोधकर्ताओं ने कोरोना से जुड़ी गंभीर फेफड़ों की स्थिति एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) वाले लोगों के दिलों को हुए नुकसान का अध्ययन किया.

नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट (NHLBI) में बेसिक एंड अर्ली ट्रांसलेशनल रिसर्च प्रोग्राम की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. मिशेल ओलिवे का कहना है कि रिसर्च के निष्कर्ष फेफड़ों की इस गंभीर चोट और सूजन के बीच एक बिल्कुल नई समझ खोलते हैं, जो दिल संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकती है.

किस पर हुआ अध्ययन?
शोधकर्ताओं ने कार्डियक मैक्रोफेज के रूप में जानी जाने वाली इम्यून सेल्स पर ध्यान केंद्रित किया, जो सामान्य रूप से टिशू को हेल्दी रखने में अहम भूमिका निभाती हैं, लेकिन दिल की धड़कन बंद होना या हार्ट फेल जैसी चोट के जवाब में सूजन हो सकती हैं. शोधकर्ताओं ने उन 21 मरीजों के हार्ट टिशू के नमूनों का विश्लेषण किया जो SARS-CoV-2 से जुड़े एआरडीएस से मारे गए थे और उनकी तुलना उन 33 मरीजों के नमूनों से की गई, जो कोविड के बिना मारे गए थे. उन्होंने संक्रमण के बाद मैक्रोफेज का क्या हुआ, यह जानने के लिए चूहों को SARS-CoV-2 से भी संक्रमित किया.

क्या बोले अध्ययन के लेखक?
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में रेडियोलॉजी के प्रोफेसर और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक मैथियास नाहरेंडोर्फ ने बताया कि यह अध्ययन बताता है कि कोरोना संक्रमण के बाद, इम्यून सिस्टम पूरे शरीर में गंभीर सूजन पैदा करके अन्य अंगों को डैमेज पहुंचा सकती है और यह वायरस द्वारा फेफड़े के टिशू पर सीधे किए गए नुकसान के अलावा है. उन्होंने आगे कहा, ‘इन निष्कर्षों को अधिक व्यापक रूप से भी लागू किया जा सकता है, क्योंकि हमारे परिणाम बताते हैं कि कोई भी गंभीर संक्रमण पूरे शरीर में शॉक पैदा कर सकता है.’

कोरोना का दिल पर प्रभाव
कोरोना दिल को विभिन्न तरीकों से नुकसान पहुंचा सकता है, जिसमें मायोकार्डियल इंजरी, सूजन और दिल धड़कना बंद होना शामिल हैं. वायरस सीधे हार्ट सेल्स को संक्रमित कर सकता है, जिससे मायोकार्डिटिस या दिल की मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है. इसके अलावा, संक्रमण से उत्पन्न होने वाली सिस्टमैटिक सूजन और साइटोकाइन रिलीज पहले से मौजूद दिल की बीमारी को बढ़ा सकती है या नई दिल संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है. अध्ययनों से पता चलता है कि कोरोना वाले व्यक्तियों में दिल से जुड़ी समस्याएं (जिनमें हार्ट फेल और मायोकार्डियल इंफार्क्शन शामिल हैं) का खतरा बढ़ जाता है. दिल की सेहत पर लंबे प्रभाव भी कोरोना से उबरने वालों के बीच एक चिंता का विषय है.