हिमाचल के बांधे हाथ: विश्व बैंक, एडीबी, विदेशी एजेंसियों से कर्ज लेने पर केंद्र ने लगाई सीलिंग

Himachal's hands tied: Center imposes ceiling on taking loans from World Bank, ADB, foreign agencies
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शिमला: केंद्र सरकार ने विश्व बैंक, एडीबी सहित विभिन्न विदेशी एजेंसियों की सहायता से हिमाचल में चल रहीं विभिन्न योजनाओं को संचालित करने के लिए कर्ज मुहैया करने पर सीलिंग लगा दी है। इन एजेंसियों से हिमाचल सरकार आगामी तीन साल में केवल 3,000 करोड़ रुपये का ही ऋण ले पाएगी। केंद्र की इस सख्ती से अब स्वाभाविक रूप से हिमाचल प्रदेश के हाथ बंध गए हैं। इससे राज्य में विकास कार्य प्रभावित होंगे।

प्रदेश में विश्व बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक यानी एडीबी, जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी यानी जीका, जर्मन फेडरल सरकार से वित्तपोषित केएफडब्ल्यू डवेलवमेंट बैंक, फ्रांस की एजेंसी एएफडी, शंघाई स्थित मुख्यालय वाले न्यू डवेलपमेंट बैंक यानी एनडीबी आदि बाहरी वित्तपोषण वाली एजेंसियों से कर्ज लेकर कई परियोजनाएं चल रही हैं। ऐसी बाहरी एजेंसियों से अब आगामी तीन साल में हिमाचल प्रदेश केवल 3,000 करोड़ रुपये की ही आर्थिक सहायता ले सकेगा।

पिछली परियोजनाओं के लिए भी लगाई 4,000 करोड़ की सीलिंग
बाहरी एजेंसियों से वित्तपोषित आगामी नई परियोजनाओं के अलावा वर्तमान समय तक चल रहीं पिछली परियोजनाओं के लिए भी 4,000 करोड़ रुपये की सीलिंग लगाई गई है। यानी 4,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज नहीं ले पाएंगे। हिमाचल सरकार आगामी तीन वर्षों में बाहर से वित्तपोषण करने वाली एजेंसियों से 3,000 करोड़ से ज्यादा कर्ज नहीं ले पाएगी। पिछली परियोजनाओं के लिए भी 4,000 करोड़ की सीलिंग रहेगी। इसी सीमा में रहकर विभिन्न परियोजनाओं के लिए बाहरी एजेंसियों से कर्ज लिया जा सकेगा। यह व्यवस्था केंद्र से हुई है। – प्रबोध सक्सेना, मुख्य सचिव हिमाचल सरकार