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नई दिल्ली | Holashtak 2023: हिन्दू धर्म में रंगों के त्यौहार होली पर्व का विशेष महत्व है। लेकिन होली से पहले होलिका दहन किया जाता है, जिसे अच्छाई पर हुई बुराई का प्रतीक माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन होली खेली जाती है। लेकिन आपको बता दें कि होलिका दहन से 8 दिन पहले से होलाष्टक प्रारंभ हो जाता है, जिसमें सभी मांगलिक कार्यों पर पाबंदी लग जाती है और इसका समापन होलिका दहन के साथ होता है। होलाष्टक की अवधि में कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है। आइए जानते हैं कब से शुरू हो रहा है होलाष्टक और इस दौरान किन बातों का रखना चाहिए ध्यान।
होलाष्टक 2023 प्रारंभ तिथि
हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 06 मार्च के दिन दोपहर 02:47 पर हो रहा है और इसका समापन 07 मार्च शाम 04:39 पर होगा। होलिका दहन 07 मार्च, मंगलवार के दिन किया जाएगा। ऐसे में होलाष्टक 28 फरवरी 2023, मंगलवार से 07 मार्च 2023, मंगलवार तक रहेगा।
होलाष्टक के दौरान करें इन नियमों का पालन
होलाष्टक की अवधि में सभी मांगलिक कार्य जैसे- जनेऊ, विवाह, मुंडन समेत 16 संस्कारों पर पाबंदी लग जाती है।
इस अवधि में चल-अचल संपत्ति या वाहन और गहने खरीदना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से अशुभ प्रभाव का भय बढ़ जाता है।
होलाष्टक की अवधि में नौकरी बदलने से भी बचना चाहिए। इस अशुभ समय का नकारात्मक प्रभाव कार्यक्षेत्र पर भी पड़ सकता है।
होलिका दहन से पहले इन आठ दिनों में नया व्यापार भी नहीं शुरू करना चाहिए। इससे नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है।