हुड्डा की आजाद से मुलाकात से हरियाणा कांग्रेस में हड़कंप, नए सि‍यासी समीकरणों की चर्चाएं

Hooda's meeting with Azad stirred up Haryana Congress, discussions of new political equations
Hooda's meeting with Azad stirred up Haryana Congress, discussions of new political equations
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नई दिल्ली। Haryana Congress: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कांग्रेस से इस्‍तीफा देने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद से मुलाकात से हरियाणा कांग्रेस में खलबली मच गई है। इसे हरियाणा में नए राजनीतिक समीकरणों का आगाज माना जा रहा है। आजाद और हुड्डा की मुलाकात को भविष्य में बनने वाले नए राजनीतिक समीकरणों के परिपेक्ष्य में ही देखा जा रहा है।

हुड्डा और आजाद की मुलाकात के बाद हरियाणा में राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। वैसे , कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा को फिलहाल हरियाणा में फ्री-हैंड दिया हुआ है। इसलिए माना जा रहा है कि वह कांग्रेस छोड़ने में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाएंगे। हुड्डा के नजदीकी मानते हैं कि उन्होंने आजाद से मुलाकात कर अपनी दोस्ती का फर्ज निभाया है। हुड्डा ने खुद इस मुलाकात के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। आजाद के पार्टी छोड़ने पर ही उन्हें इस पूरे प्रकरण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।

कांग्रेस में हुड्डा अब किसी तरह कमजोर नहीं हैं। हरियाणा कांग्रेस का पूूरा दारोमदार हुड्डा के पास है। प्रदेशाध्यक्ष उदयभान पूरी तरह हुड्डा के प्रति समर्पित हैं। खुद हुड्डा राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के नजदीक हैं तो उनके बेटे और राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा राहुल-प्रियंका टीम के अहम सदस्य हैं। ऐसे में हुड्डा का गुलाम नबी आजाद से मिलना भी कोई छोटा राजनीतिक घटनाक्रम नहीं माना जा रहा है।

हुड्डा के साथ आजाद से मिलने गए आनंद शर्मा कभी भी कांग्रेस को अलविदा कह सकते हैं। पृथ्वीराज चौहान भी कांग्रेस की मुख्यधारा से अलग हैं। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डाक्टर अशोक तंवर आजाद के पार्टी छोड़ने के दिन ही यह कह चुके हैं कि जी-23 के नेताओं का पार्टी से जाना तय है। इनके जाने का समय भाजपा तय कर रही है। जब भाजपा नेतृत्व से इशारा मिलेगा, ये नेता तभी कांग्रेस छोड़ देंगे।

2019 से पहले एक समय ऐसा था जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अशोक तंवर थे और हुड्डा हाईकमान के समक्ष प्रदेश कांग्रेस की बागडोर लेने के लिए जद्दोजहद में जुटे थे। तब हाईकमान से निराश हुड्डा कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने का मूड बना चुके थे मगर तब हुड्डा का साथ उनके अपने साथी विधायकों ने ही नहीं दिया था। लेकिन बताया जा रहा है कि अब हुड्डा के साथी विधायक हर फैसले पर मुहर लगाने को तैयार हैं। फिलहाल हरियाणा कांग्रेस में भी हुड्डा एकछत्र राज है।