अभी अभीः कर्नाटक के बीच राजस्थान में भी बवाल, 30 विधायक एकसाथ…

Horrific accident in Rajasthan: daughter-in-law and grandson of former Sheikhul Hadith died, there was an outcry
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जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में गहलोत-पायलट में बंटे गुटों के बीच कांग्रेस आलाकमान के पक्ष में एक तीसरा मोर्चा भी तैयार हो रहा है. यह तीसरा मोर्चा कर्नाटक के सियासी संकट हल होने के बाद कांग्रेस में बिखराव और टूटन को रोकने के लिए आलाकमान तक जाने की तैयारी कर रहे हैं.

ये सभी कांग्रेस विधायक दोनों नेताओं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का विवाद खत्म करने के लिए आलाकमान से गुहार लगाएगा. इन नेताओं का मानना है कि गहलोत-पायलट के निजी अहम की वजह से पार्टी कमजोर हो रही है. इनका मानना है कि दोनों हीं गुट किसी से कम नही हैं और दोनों की तरफ से अपनी सरकार के मंत्रियों और विधायकों को भ्रष्ट बताया जा रहा है, जिससे पार्टी को नुकान हो रहा है.

इस बदनामी से पार्टी को होगा नुकसान

तीसरे गुट का कहना है कि ऐसी बयानबाजी से अगर पार्टी बदनाम होती है तो सभी कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए जीतना मुश्किल हो जाएगा. पहले गहलोत ने बीजेपी से पैसे लेने का आरोप पायलट गुट के मंत्रियों और विधायकों पर लगाया तो पायलट गुट ने भी गहलोत के खास मंत्रियों को भ्रष्ट बता दिया.

‘दोनों को ही देने चाहिए सधे हुए बयान’

खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि गहलोत जी को भी रोज-रोज मानेसर को लेकर हमला नहीं करना चाहिए. प्रियंका गांधी ने एक बार तय कर दिया है तो बार-बार पैसे लेने के आरोप लगाने पर सामनेवाला भी चुप नहीं बैठता है. खाचरियावास ने कहा, मैंने राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से भी बातचीत की थी और हम टाइम लेकर कांग्रेस आलाकमान से मिलने दिल्ली जाएंगे ताकि दोनों नेताओं को अपना अहम छोड़कर पार्टी के लिए काम करने के लिए कहा जाए. केकड़ी के विधायक रघु शर्मा हमेशा से कांग्रेस आलाकमान के गुट में रहे हैं. इनका कहना है कि दोनों की लड़ाई में पार्टी को बड़ा नुकसान हो जाएगा. हम दिल्ली में बात करेंगे कि पार्टी में बिखराव को रोका जाए.

राजस्थान में 30 विधायक ऐसे जो आलाकमान के हैं खास

बसपा से कांग्रेस में आए विधायक वाजिब अली ने कहा कि पायलट साहब ने जो मुद्दे उठाए हैं उनमें दम है. उनको भी एड्रेस करना चाहिए और गहलोत साहब भी काम कर रहे हैं. दोनों बड़े नेताओं को एक होना चाहिए. बता दें कि राजस्थान में तीस से ज्यादा विधायक हैं जो गहलोत और पायलट गुट से दूर कांग्रेस आलाकमान के गुट में हैं. दिव्या मदेरणा, हरीश चौधरी, परसराम मोरदिया, प्रशात बैरवा, इंदिरा मीणा, राम नरायण मीणा, भरत सिंह, रीटा चौधरी, रूपाराम जैसे कांग्रेस विधायक जो किसी गुट में नहीं हैं, उनको लगता है कि कांग्रेस आलाकमान को राजस्थान की समस्या का हल निकालना चाहिए.

‘जिसे जाना है वो जाए…’

हालांकि गहलोत गुट के स्वास्थय मंत्री परसादी लाल मीणा अब भी पायलट को लेकर कह रहे हैं कि जिसको जाना है वो जाए. गहलोत जो आरोप लगा रहे हैं वो सही हैं. गहलोत गुट की तरफ से मंत्री महेश जोशी, राष्ट्रीय लोकदल के कोटे से मंत्री सुभाष गर्ग और विधायक चेतन डूडी ने सोशल मीडिया पर मोर्चा संभाल रखा है. जबकि गहलोत गुट के खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान से चुप रहने के निर्देश हैं इसलिए कुछ नहीं बोलेंगे.

दिल्ली में खड़गे से मिलेंगे कांग्रेस विधायक

कहा जा रहा है कि राजस्थान के प्रभारी कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के संकट को खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. ये अपनी रिपोर्ट लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलेंगे उसके बाद हीं राजस्थान आएंगे. इस बीच फीडबैक लेने के लिए सह प्रभारियों को फील्ड में भेजा गया है. इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ नहीं बोला है. वो लगातार सचिन पायलट पर कार्रवाई कराने के लिए कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बना रहे हैं.