होटल इंडस्ट्री को वित्त वर्ष 2021 में 1.30 लाख करोड़ रुपए का नुकसान, सरकार से मांगी मदद

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कोविड-19 महामारी का देश की होटल इंडस्ट्री पर बहुत बुरा असर पड़ा है। वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय होटल इंडस्ट्री को 1.30 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) ने रविवार को यह बात कही। FHRAI ने प्रधानमंत्री और कई अन्य मंत्रियों को पत्र भेजा है। इस पत्र में एसोसिएशन ने सरकार से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को बचाने और वित्तीय उपाय करने का आग्रह किया है।

वित्त वर्ष 2019-20 में 1.82 लाख करोड़ रुपए रेवेन्यू था

FHRAI ने बयान में कहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारतीय होटल इंडस्ट्री का रेवेन्यू 1.82 लाख करोड़ रुपए था। हमारे अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में इंडस्ट्री का करीब 75% रेवेन्यू की कमी आई है। इस प्रकार इंडस्ट्री को 1.30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के रेवेन्यू का नुकसान हुआ है। कारोबार तेजी से बंद हो रहे हैं और नॉन-परफॉर्मिंग असेट्स यानी NPA बढ़ रहा है।

मार्च 2020 से संघर्ष कर रही है इंडस्ट्री

FHRAI के वाइस प्रेसीडेंट गुरबख्श सिंह कोहली का कहना है कि मार्च 2020 से इंडस्ट्री अपने खर्चों के प्रबंधन के लिए संघर्ष कर रही है। ब्याज के साथ लोन का पुनर्भुगतान ना केवल मुश्किल लग रहा है बल्कि हाल ही में बढ़े संक्रमण के कारण पैदा हुए आर्थिक वातावरण से यह असंभव लग रहा है। ईएमआई और ब्याज के भुगतान पर मोरेटोरियम के बिना यह सेक्टर पूरी तरह से तबाह हो जाएगा।

हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए पॉलिसी लाए सरकार

कोहली का कहना है कि हमने सरकार से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए विशेष पॉलिसी लाने का आग्रह किया है। ताकि प्रतिकूल वित्तीय प्रभावों को कम किया जा सके। FHRAI का मानना है कि अब सरकार को इस सेक्टर को प्राथमिकता देनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया गया तो हॉस्पिटैलिटी सेक्टर फिर से पटरी पर नहीं लौट पाएगा। कोहली के मुताबिक, सरकार को समय की बर्बादी ना करते हुए हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए वैधानिक चार्ज समाप्त करने समेत खास प्रावधान करने चाहिए।

प्रॉपर्टी और बिजली जैसे चार्ज माफ करने चाहिए

कोहली ने कहा कि सरकार को लॉकडाउन की अवधि के लिए हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के प्रॉपर्टी टैक्स, वाटर चार्ज, बिजली चार्ज और एक्साइज लाइसेंस फीस माफ कर देनी चाहिए। FHRAI के जॉइंट सेक्रेटरी प्रदीप शेट्टी का कहना है कि हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के संस्थानों को फिर से कारोबार शुरू करने के लिए सरकार को कम ब्याज दर पर वर्किंग कैपिटल की मदद करनी चाहिए। शेट्टी ने सरकार से आग्रह किया कि आमदनी खोने वाले इस इंडस्ट्री से जुड़े कर्मचारियों और उनके परिवारों को मुआवजा दिया जाए।