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Radhe Maa : खुद को गॉडवूमन कहने वाली राधे मां धर्म की दुनिया में काफी मशहूर रही हैं. वो खुद को देवी का अवतार बताती हैं और स्वयं में कई दैवीय शक्तियां होने का दावा करती हैं. हालांकि राधे मां के जीवन के शुरुआती साल बेहद आम थे और उनका विवाह महज 17 साल की उम्र में हो गया था. 4 अप्रैल को राधे मां के जन्मदिन के मौके पर उनके जीवन की कहानी जानते हैं.
असली नाम सुखविंदर कौर
खुद को गॉडवूमन कहने वाली राधे मां का असली नाम सुखविंदर कौर है. सुखविंदर कौर का जन्म 4 अप्रैल 1965 को पंजाब के गुरदासपुर में हुआ था. बचपन से ही उन्हें पूजा-पाठ में खासी रुचि थी, लेकिन आगे चलकर वो धर्म-अध्यात्म की राह पर ही चल पड़ेंगी इसका अंदाजा किसी को नहीं था.
17 की उम्र में शादी
आम लड़कियों की तरह सुखविंदर कौर (अब राधे मां) की शादी भी हो गई है. जब वो केवल 17 साल की थीं, उनका विवाह पंजाब के ही रहने वाले मोहन सिंह से हो गया. फिर वो दोरंगला से मुकेरिया आ गईं. यहां उनके पति मोहन लाल मिठाई की एक दुकान पर काम करते थे और सुखविंदर कौर कपड़े सिलती थीं.
अध्यात्म की ओर बढ़ा रुझान
हालांकि समय गुजरने के साथ सुखविंदर का रुझान धर्म की ओर बढ़ता गया. एक दिन उनकी मुलाकात श्रीश्री 1008 महंत रामदीन दास से हुई. सुखविंदर ने उनको अपना गुरू मान लिया और धर्म की दुनिया में ही रम गईं.
फिर बन गईं राधे मां
इसके बाद वो मुंबई में शिफ्ट हो गईं. उनका रहन-सहन, पहनावा भी बदल गया. वे सुखविंदर कौर से राधे मां बन गईं. शिव की भक्त राधे मां ने हाथ में त्रिशूल रखना शुरू कर दिया. उनके भक्तों की तादाद बढ़ती गई. उनके कार्यक्रमों में सेलिब्रिटीज आने लगे. राधे मां की चौकी नाम से होने वाले उनके आयोजन बहुत मशहूर हुए.
विवादों से जुड़ा नाता
राधे मां के साथ अनुयायी जुड़ते गए, साथ ही उनका नाता विवादों से भी जुड़ गए. उनके खिलाफ कई शहरों में मामले दर्ज हैं. उनके समर्थकों पर मारपीट के आरोप भी लग चुके हैं.