अगर कान से पानी, खून या इसी तरह का वैक्स निकल रहा है तो हो जाएं सावधान, जानें कान कैंसर के 7 लक्षण

If water, blood or similar wax is coming out from the ear, then be careful, know the 7 symptoms of ear cancer.
If water, blood or similar wax is coming out from the ear, then be careful, know the 7 symptoms of ear cancer.
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Ear Cancer Symptoms: देश और दुनिया में इन दिनों सबसे खतरनाक और जानलेवा बीमारियों में कैंसर टॉप पर है. मेडिकल साइंस की तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक इससे जंग नहीं जीती जा सकी है. इसलिए डॉक्टर्स भी इससे बचाव को ही सबसे बेहतर बताते हैं. इसके लिए जरूरी होता है कि शरीर के संकेतों को वक्त रहते समझा जाए. कैंसर की बीमारी में एक डरावनी चीज यह भी है कि ये बहुत शुरुआत में पकड़ में नहीं आते, लेकिन अगर हम जागरूक और सावधान रहें तो इसे आसान किया जा सकता है.

लाइफस्टाइल (Lifestyke) के खराब होने और खानपान में सफाई (Kan ki Safai) नहीं होने से लोग कई बीमारियों का शिकार होते हैं और समय रहते इलाज नहीं करवाने पर ये बीमारी बढ़कर जानलेवा कैंसर में बदल सकती हैं. कान का कैंसर ऐसा ही जानलेवा रोग है. एक ट्यूमर की तरह कान के अंदर या बाहर या फिर दोनों जगह कैंसर पनप और फैल सकता है. कैंसर सेल्स को मेडिकल साइंस की भाषा में स्कावमस सेल कार्सीनोमा कहा जाता है. इससे होने वाला कैंसर बहुत धीमी स्पीड से पूरे बॉडी में फैलता है. आइए, आजकल देश और दुनिया में बढ़ रहे कान के कैंसर के बारे में जानते हैं कि उसके शुरुआती लक्षण क्या-क्या है?

कान का कैंसर कहां से शुरू होता है?
आमतौर पर कान के कैंसर की शुरुआत कान नली, उसकी बाहरी त्वचा से हो सकती है. कान के कैंसर के प्रकारों की बात करें तो इसमे सबसे कॉमन है स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा. इसके अलावा भी कान में बेसल सेल कार्सिनोमा, एडेनोइड सिस्टिक कार्सिनोमा, मेलेनोमा, एडेनोकार्सिनोमा दूसरे तरह के कैंसर देखने को मिलते हैं.

कान में होने वाले कैंसर के 7 लक्षण (Symptoms of ear cancer)
कैंसर भले ही किसी भी वजह से और शरीर के किसी भी हिस्से में शुरू हो, लेकिन वह कुछ न कुछ संकेत जरूर देता है. अगर हम कान के कैंसर के शुरुआती लक्षणों को अनदेखा न करें तो समय पर इसका इलाज करवा सकते हैं. इसके लिए अपने शरीर में होने वाले गैर जरूरी बदलावों को लेकर कॉन्शस रहने की जरूरत होती है. कान के कैंसर के कुछ शुरुआती लक्षण इस तरह हैं, जिन्हें इग्नोर कतई नहीं करनी चाहिए.

कान से खून, पानी या मवाद निकलना : अगर आपके कान से खून, पानी या कोई तरल चीज बहता है तो इसे गलती से भी अनदेखा न करें.

कान के पर्दे में चोट: अगर आपको सुनने में दिक्कत हो या आपके कान के पर्दे में नुकसान का शक हो तो तुरंत कान के डॉक्टर के पास जाकर जांच करवाएं.
कान में वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन : अगर आपके कान में वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन महसूस हो तो इसको नजरअंदाज करने की जगह प्रायोरिटी से डॉक्टर के पास जाएं. ऐसी छोटी-मोटी प्रॉब्लम ही समय पर ठीक नहीं करने से गंभीर समस्या में बदल जाती है.

कान बंद होना या सुनना बंद होना : कई बार अंदर पानी चले जाने से कान बंद हो जाते हैं. कुछ समय में यह खुद से ठीक भी हो जाता है. हालांकि, अगर इसके चलते सुनाई देने में कोई दिक्कत हो या सुनाई देना बंद हो जाए तो इसे इग्नोर न करें.

कान में खुजली होना : कान में मैल जमा होने की वजह से खुजली होना आम बात है. लेकिन अगर कान में खुजली की शिकायत लंबे समय तक बनी रहे तो यह अलार्मिंग सिचुएशन है. आपको फौरन डॉक्टर की देखरेख की जरूरत है.
कान में अचानक तेज दर्द होना : अगर मुंह खोलते समय आपके कान में अचानक तेज दर्द होने लगे तो प्लीज इसे टालें नहीं. जबड़े के जोड़ की वजह से कान में तेज दर्द कैंसर का लक्षण हो सकता है. कान के डॉक्टर से मिलने में देरी न करें.

सिर दर्द, जी मिचलाना या लगातार उल्टी : ऊपर बताए लक्षणों के अलावा अगर आपको कान दर्द के साथ ही सिर दर्द होने लग जाए. लगातार जी मिचलाए या उल्टी आने लग जाए तो सतर्क हो जाए. यह कान के कैंसर का एक गंभीर लक्षण हो सकता है.