इस तरह करेंगे बच्‍चे की परवरिश, तो मुड़कर कभी आपसे नहीं पूछेगा कोई सवाल

If you raise your child this way, no one will ever look back and ask you questions.
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बच्‍चे के सफल होने और अच्‍छी जिंदगी जीने में, उसके माता-पिता को बहुत बड़ा योगदान होता है। बच्‍चों की परवरिश करना कोई आसान काम नहीं है बल्कि इसमें एक-एक कदम बहुत सोच-समझकर रखना पड़ता है। यहां हम आपको  बच्‍चों की परवरिश के लिए कुछ प्रभावी टिप्‍स बता रहे हैं। इन टिप्‍स की मदद से आप अपने बच्‍चे की अच्‍छे तरीके से परवरिश कर सकते हैं।

बच्‍चे के आत्‍मविश्‍वास को बढाएं
छोटे होने पर बच्‍चे अपने आप को अपने पैरेंट्स की नजरों से देखते हैं। आप बच्‍चे से किस तरह से बात करते हैं और आपका हर एक एक्‍स्रपेशन बच्‍चा देखता है। आपके शब्‍द और काम बच्‍चे के आत्‍मविश्‍वास को काफी हद तक प्रभावित करते हैं। आपको बच्‍चें को छोटी-छोटी बातों पर प्रोत्‍साहन और बढ़ावा देना चाहिए। इससे उन्‍हें खुद पर गर्व महसूस होता है और वे अपनी चीजें अपने आप करनी शुरू करते हैं। बच्‍चों की दूसरों से तुलना करने की गलती ना करें।

डिसिप्लिन बनाना है जरूरी
हर घर में डिसिप्लिन होना जरूरी है। इससे बच्‍चे को सही और गलत के बीच फर्क समझ आता है। उसे पता चलता कि उसे कहां खुद पर कंट्रोल करने की जरूरत है और किस तरह के बिहेवियर को बर्दाश्‍त नहीं किया जा सकता है। घर में कुछ नियम बनाने से बच्‍चे को आपकी उम्‍मीदे समझ आती हैं और वह आत्‍म-नियंत्रण सीखता है। इसके कुछ नियमों में होमवर्क खत्‍म होने तक टीवी न देखना और घर या बाहर गलत शब्‍दों का इस्‍तेमाल न करना शामिल है।

अपने बच्‍चों के लिए समय निकालें
आजकल दोनों ही पैरेंट्स वर्किंग हो गए हैं और ऐसे में बच्‍चों के लिए समय निकाल पाना काफी मुश्किल हो गया है। हालांकि, आप इस बात को भी इनकार नहीं कर सकते कि बच्‍चों के उनके पैरेंट्स का समय बहुत कीमती और जरूरी होता है। अगर आप बच्‍चों के साथ लंच नहीं कर सकते हैं, तो सुबह 10 मिनट जल्‍दी उठकर उनके साथ नाश्‍ता कर लें। रात को डिनर के बाद बच्‍चों के साथ दस मिनट वॉक पर भी आप उनसे बात कर सकते हैं।

अच्‍छे रोल मॉडल बनें
बच्‍चे अपने पैरेंट्स को देखकर ही सीखते हैं इसलिए आपको कम से कम बच्‍चों के सामने अच्‍छी तरह से पेश आना चाहिए। आपका गुस्‍सा और आपके बात करने का तरीका, हर एक चीज बच्‍चे बड़ी बारीकी से देखते हैं और फिर उसे सीख लेते हैं। एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि जिन बच्‍चों में ज्‍यादा गुस्‍सा देखा जाता है, उनके घर पर अक्‍सर नेगेटिव माहौल होता है।

बात करना है जरूरी
आप बच्‍चे के लिए बस ऐसे ही कोई रूल नहीं बना सकते हैा बल्कि आपको उसे बताना होगा कि आपने कोई रूल क्‍यों बनाया है और उसका फायदा क्‍या है। इससे बच्‍चे समझ पाते हैं कि उनके लिए क्‍या सही और क्‍या गलत है और उन्‍हें किस तरह से व्‍यवहार करना है। आप अपने बच्‍चे को स्‍पष्‍ट शब्‍दों में समझाएं कि आप उससे क्‍या चाहते हैं।