Income Tax Return: आईटीआर में ये गलती करोगे तो सीधे जेल जाओगे; हर कोई नहीं जानता

Income Tax Return: If you make this mistake in ITR, you will go straight to jail; not everyone knows
Income Tax Return: If you make this mistake in ITR, you will go straight to jail; not everyone knows
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ITR Filing Update: व‍ित्‍त वर्ष 2021-22 (Finnacial Year 2021-22) या एसेसमेंट ईयर 2022-23 (AY 2022-23) का इनकम टैक्‍स र‍िटर्न (ITR) भरने की आख‍िरी तारीख नजदीक है. 15 जून 2022 से शुरू हो आईटीआर का स‍िलस‍िला 31 जुलाई तक चलेगा. इनकम टैक्‍स व‍िभाग की तरफ से यह पहले ही साफ क‍िया जा चुका है क‍ि क‍िसी भी कीमत पर इस बार आख‍िरी तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. इसल‍िए जरूरी है क‍ि आप जल्‍दी से जल्‍दी अपना आईटीआर फाइल कर दें.

एक गलती से आपको हो जाएगी जेल!
अगर तय तारीख तक आपने आईटीआर फाइल नहीं क‍िया तो आपको लेट फीस के साथ इनकम टैक्‍स फाइल करना होगा. इसके ल‍िए 5000 रुपये की लेट फीस के साथ इनकम टैक्‍स र‍िटर्न (ITR) करने का ऑप्‍शन है. इस दौरान आपकी एक गलती आपको जेल की हवा तक ख‍िला सकती है. इसल‍िए जरूरी है क‍ि आप इससे जुड़े न‍ियमों के बारे में जरूर जानकारी कर लें. आइए जानते हैं आयकर से जुड़े न‍ियमों के बारे में.

5 लाख से ज्‍यादा की इनकम पर 5000 रुपये लेट फीस
टैक्स और इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट आशीष म‍िश्रा बताते हैं क‍ि यद‍ि कोई व्‍यक्‍त‍ि नौकरी करता है या ब‍िजनेस करता है और वह 31 जुलाई 2022 तक आईटीआर फाइल नहीं करता तो वह 5000 रुपये की लेट फीस के साथ र‍िटर्न फाइल कर सकता है. 5 लाख रुपये से कम की सालाना इनकम पर लेट फीस 1000 रुपये है और 5 लाख से ज्‍यादा की कमाई पर 5000 रुपये लेट फीस है.

50 से 200 प्रतिशत तक की पेनाल्टी
आशीष कहते हैं क‍ि अंति‍म तारीख तक आईटीआर भरने पर टैक्‍स पेयर के पास उसमें सुधार का व‍िकल्‍प रहता है. लेकिन यद‍ि आपने र‍िटर्न फाइल नहीं क‍िया तो इस सुव‍िधा का फायदा आपको नहीं म‍िलता. आईटीआर नहीं भरने पर टैक्‍सपेयर से व‍िभाग इनकम टैक्स की राश‍ि पर 50 से 200 प्रतिशत तक की पेनाल्टी भी लगा सकता है. यह अध‍िकार इनकम टैक्स ड‍िपार्टमेंट का है.

इस कंडीशन में होगी जेल
आशीष कहते हैं क‍ि सरकार आईटीआर नहीं दाख‍िल करने वालों के ख‍िलाफ मुकदमा भी चला सकती है. मौजूदा इनकम टैक्स के न‍ियमानुसार इसमें कम से कम 3 साल और ज्यादा से ज्यादा 7 साल की सजा का प्रावधान है. हालांकि, हर मामले में करदाता के खिलाफ मुकदमा नहीं क‍िया जा सकता. यह तब ही क‍िया जा सकता है जब टैक्स की राश‍ि 10 हजार रुपये से ज्‍यादा हो.