एक और खतरनाक वायरस पर रिसर्च कर रहा चीन? फिर दुनिया पर मंडराएगा खतरा! रिपोर्ट में खुलासा

Is China doing research on another dangerous virus? Then the world will be in danger! Revealed in the report
Is China doing research on another dangerous virus? Then the world will be in danger! Revealed in the report
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China New Pangolin Coronavirus: दुनिया में कोरोना जैसा घातक वायरस फैलाने वाला चीन अब भी अपनी करनी से बाज नहीं आ रहा है. प्री-पीयर में प्रकाशित लेख पर यकीन किया जाए तो पता चलता है कि चीन अब फिर से कोरोना जैसे खतरनाक वायरस पर रिसर्च करने में जुटा है. यह वायरस चूहों के लिए 100 प्रतिशत घातक है इसकी चपेट में आने पर मनुष्यों के जीवन को भी बड़ा खतरा पहुंच सकता है.

पैंगोलिन वायरस के रिसर्च कर रहे चीनी वैज्ञानिक
सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के मुताबिक 3 जनवरी को bioRxiv वेबसाइट पर एक रिसर्च पेपर प्रकाशित हुआ. उस पेपर में दावा किया गया कि चीनी सेना की ओर से ट्रेंड किए गए डॉक्टर कथित रूप से पैंगोलिन वायरस के रिसर्च पर काम कर रहे हैं. कोरोना की तरह एक और घातक वायरस पर रिसर्च कर रहा है. यह वायरस चूहों पर 100 फीसदी घातक होगा. अगर कोई मनुष्य इस वायरस के संपर्क में आ गया तो उसकी जान भी खतरे में पड़ सकती है.

जर्नल में प्रकाशित पेपर पर किया गया दावा

3 जनवरी को बायोरेक्सिव वेबसाइट पर प्रकाशित पेपर में दावा किया गया कि चीनी सेना द्वारा प्रशिक्षित डॉक्टरों ने तथाकथित “पैंगोलिन कोरोनावायरस” का अपना संस्करण बनाया और चूहों के एक समूह को यह देखने के लिए दिया कि क्या होगा. इसके बाद उस वायरस का असर जानने के लिए चूहों के ग्रुप पर छोड़ दिया.

हफ्ते भर में संक्रमित हो गए चूहे

रिसर्च पेपर में बताया गया, चार चूहों पर निष्क्रिय वायरस का टीका लगाया गया, जबकि चार नकली-संक्रमित चूहों को नियंत्रण के रूप में इस्तेमाल किया गया. हैरानी की बात यह है कि जीवित वायरस से संक्रमित सभी चूहे टीकाकरण के 7-8 दिनों के भीतर संक्रमण का शिकार हो गए.” विशेषज्ञों ने पाया कि जिन चार चूहों को वायरस दिया गया, संक्रमित होने के बाद पांच दिनों के भीतर उनका वजन कम हो गया. सातवें दिन चूहे सुस्त होने लगे और उनकी आंखें सफेद हो गईं.

गंभीर मस्तिष्क संक्रमण के बाद चूहों की मौत
पेपर में आ गया,’जीवित वायरस से संक्रमित चूहों में, फेफड़ों में वायरल लोड छठे दिन तक काफी कम हो गया; मस्तिष्क के नमूनों में वायरल आरएनए लोड और वायरल टाइटर्स दोनों ही तीसरे दिन अपेक्षाकृत कम थे, लेकिन छठे दिन काफी हद तक बढ़ गए. इस खोज से पता चला कि इंफेक्शन के बाद के चरणों के दौरान गंभीर मस्तिष्क संक्रमण इन चूहों में मृत्यु का प्रमुख कारण हो सकता है.’ वायरस न केवल चूहों के शरीर में फैल गया था बल्कि मस्तिष्क, आंखों और फेफड़ों जैसे महत्वपूर्ण अंगों तक भी पहुंच गया था. रिसर्चर के मुताबिक, यह पहली रिपोर्ट है जो दिखाती है कि SARS-CoV-2 से संबंधित पैंगोलिन कोरोना वायरस hACE2 चूहों में 100% मृत्यु का कारण बन सकता है. यह वायरस मनुष्यों में फैलने के जोखिम का भी संकेत करता है.

2020 की तरह फिर बिगड़ सकते हैं हालात
चीनी अधिकारियों ने रविवार को अपने देश में कोरोना का JN.1 सब-वेरिएंट फैलने पर 2020 की तरह हालात फिर बिगड़ने की चेतावनी दी है. चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (NHC) ने जेएन.1 की बढ़ती उपस्थिति पर प्रकाश डाला और कहा कि इस सर्दी और अगले वसंत में कई सांस संबंधी बीमारियां फैलने की संभावना है. चीनी राष्ट्रीय इन्फ्लुएंजा केंद्र के प्रमुख वांग दयान ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘यह इन्फ्लुएंजा वायरस के प्रमुख रोगज़नक़ बने रहने की उम्मीद है. उन्होंने जेएन.1 सब-वेरिएंट के मामलों की वृद्धि के लिए पहले के मामलों, कम इन्फ्लूएंजा दरों और लोगों की घटती इम्यूनिटी को जिम्मेदार ठहराया.