अभी-अभी: बिहार वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी, सीएम नीतीश ने…

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पटना : प्रदेश की करीब साढ़े 12 करोड़ आबादी तक डिजिटल माध्यम से स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए राज्य में मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 15 हजार रुपये मासिक के संविदा कर्मियों को ईपीएफ योजना से जोड़ने और सभी स्वास्थ्य संस्थानों में डेंटल हाईजिनिस्ट तैनात करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। इसके लिए डेंटल हाईजिनिस्ट के सात सौ दो नए पद सृजित किए जाएंगे। आज की बैठक में कुल 13 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।

पांच वर्ष में लागू होगी मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना
मंत्रिमंडल सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को स्वीकृत मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना अगले पांच वर्ष 2022-23 से 2026-27 के बीच लागू होगी। इसके लिए मंत्रिमंडल ने तीन सौ करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। जानकारी के अनुसार वर्तमान में स्वास्थ्य की अलग-अलग योजनाओं के लिए अलग-अलग साफ्टवेयर हैं। नाना प्रकार की सभी बीमारी जो अलग-अलग साफ्टवेयर पर संचालित हैं उन्हें डिजिटल हेल्थ योजना के तहत एक साफ्टवेयर में शामिल किया जाएगा। इससे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को आमजनों तक सुलभ कराने एवं डिजिटल तकनीकी के माध्यम से इसका अधिकतम लाभ देने में मदद मिलेगी।

– स्वास्थ्य व्यवस्था का लाभ आमजनों का पहुंचाने के लिए लिया जाएगा डिजिटल तकनीक का सहारा
– योजना के क्रियान्वयन में अगले पांच वर्ष में खर्च किए जाएंगे तीन सौ करोड़ रुपये
– 15 हजार मानदेय पाने वाले एनएचएम स्वास्थ्य कर्मी भी लिए जाएंगे ईपीएफ स्कीम के दायरे में
– सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात होंगे डेंटल हाईजिनिस्ट, 702 पद सृजित किए गए

स्वास्थ्य मिशन के 15 हजार मासिक वाले कर्मी इपीएफ से जुड़ेंगे
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मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के वैसे कर्मचारी जो 15 हजार से अधिक के मानदेय पर संविदा पर नियोजित हैं, उन्हें भविष्य निधि का लाभ मिलेगा। स्वास्थ्य मिशन के इन कर्मियों की लंबे समय से मांग रही है कि उन्हें इपीएफ योजना से आच्छादित किया जाए। बता दें कि प्रदेश में ऐसे कर्मचारियों की संख्या करीब 12 हजार होगी।मंत्रिमंडल ने प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थान जैसे सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दंत स्वास्थ्य विज्ञानी (डेंटल हाईजिनिस्ट) तैनात करने का फैसला किया है। स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने दंत स्वास्थ्य विज्ञानी के 702 पद सृजन की मंजूरी दी है। इसके साथ ही नई दिल्ली स्थित बिहार भवन व बिहार निवास एवं नवनिर्मित बिहार सदन के रखरखाव के लिए विभिन्न संवर्ग के 44 पद सृजन की स्वीकृति भी दी गई है। मंत्रिमंडल ने कोविड से मृत व्यक्तियों के स्वजनों को चार लाख रुपये की सहायता देने का एलान कर रखा है। आपदा प्रबंधन विभाग को 2116 नए नाम मिले हैं जिनकी मृत्यु कोविड-19 से हुई है। इनके स्वजनों को चार लाख रुपये की दर से सहायता राशि देने के लिए दो सौ करोड़ रुपये आकस्मिकता निधि से निकालने की मंजूरी दी है।

बिहार संग्रहालय से पटना संग्रहालय जुड़ेगा 373 करोड़ स्वीकृत
नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने बिहार संग्रहालय से पटना संग्रहालय को एक सुरंग (सब-वे) से जोड़ने की स्वीकृति दी है। यह कार्य मेट्रो रेल कारपोरेशन करेगा। इसके लिए 373 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।वित्त विभाग के प्रस्ताव पर पंचम केंद्रीय वेतन व पेंशन पाने वाले सरकारी सेवकों को एक जनवरी 2022 के प्रभाव से 13 प्रतिशत बढ़ा कर भत्ता दिया जाएगा। अभी 368 प्रतिशत भत्ता है जो बढ़कर 381 प्रतिशत हो जाएगा। इसी प्रकार षष्ठम वेतन वाले कर्मी पेंशनरों को 196 के स्थान पर 203 प्रतिशत भत्ता मिलेगा।

बाजार सहित अन्य जरिए से 42285 करोड़ का ऋण लेगी सरकार
वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार 36699 करोड़ रुपये बाजार ऋण सहित अन्य माध्यम से कुल 42285 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त करेगी। सरकार द्वारा ऋण उगाही का प्रस्ताव मंत्रिमंडल ने स्वीकृत कर दिया है।

अन्य फैसले
– सप्तदश विधानसभा के पंचम सत्र तथा विधान परिषद के 200वें सत्रावसान की स्वीकृति।
– बिहार अमीन सह राजस्व कर्मचारी संवर्ग नियमावली 2022 के गठन का प्रस्ताव स्वीकृत।
– वन एवं पर्यावरण विभाग के नियंत्रणाधीन गठित जिला पर्यावरण समिति को पुनर्गठित करने के लिए 1987 के संकल्प में संशोधन की स्वीकृति।
– केंद्र प्रायोजित पुलिस आधुनिकीकरण के लिए राज्यों को सहायता वर्ष 2021-22 में 46.04 करोड़ के स्टेट एक्शन प्लान तथा 17.29 करोड़ की पूरक योजना को प्रशासनिक स्वीकृति।