अभी अभीः केजरीवाल पर टूटा कहर, 20 ठिकानों पर छापेमारी, जानें क्या-क्या मिला, जानकर होंगे हैरान

Just now: havoc wreaked on Kejriwal, ED raids 20 locations, goods left, will be surprised to know
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नई दिल्ली : दिल्ली के डेप्युटी सीएम सिसोदिया ने कहा है कि उनके घर सीबीआई का छापा पड़ा है। सिसोदिया ने शुक्रवार सुबह इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी। सिसोदिया ने अपने ट्वीट में कहा, सीबीआई आई है। उनका स्वागत है। हम कट्टर ईमानदार हैं। लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं। सिसोदिया ने आगे लिखा, बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है। इसीलिए हमारा देश अभी तक नम्बर-1 नहीं बन पाया। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में एक्साइज स्कैम मामले में सीबीआई ने 20 जगहों पर छापेमारी की है। इस क्रम में सीबीआई ने सिसोदिया के यहां भी छापा मारा है।

मेरे खिलाफ केस में अभी तक कुछ नहीं निकला
सिसोदिया ने कहा लिखा कि हम सीबीआई का स्वागत करते हैं। जां च में पूरा सहयोग देंगे ताकि सच जल्द सामने आ सके। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि ये लोग दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य के शानदार काम से परेशान हैं। इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री और शिक्षा मंत्री को पकड़ा है ताकि शिक्षा स्वास्थ्य के अच्छे काम रोके जा सकें। सिसोदिया ने आगे लिखा कि अभी तक मुझ पर कई केस किए लेकिन कुछ नहीं निकला। इसमें भी कुछ नहीं निकलेगा। देश में अच्छी शिक्षा के लिए मेरा काम रोका नहीं जा सकता।

पिछले महीने सीबीआई जांच की सिफारिश
दिल्ली के उपराज्यपाल ने राजधानी की नई आबकारी नीति में कथित गड़बड़ियों के आरोपों को लेकर पिछले महीने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को निर्देश दिया था कि वह एक रिपोर्ट जमा करके यह बताएं कि नियमों की अवेहलना करते हुए नई आबकारी नीति को तैयार करने, उसे लागू करने और उसमें मनमर्जी के मुताबिक बदलाव करने की छूट देने में किन-किन सरकारी अफसरों और प्रशासकों की मुख्य भूमिका रही है।

मनीष सिसोदिया के खिलाफ क्या है पूरा मामला?

दिल्ली सरकार ने पिछले साल ही अपनी नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी। उपराज्यपाल ने जिस रिपोर्ट को आधार बनाया है, उसमें कहा गया है कि दिल्ली एक्साइज एक्ट और दिल्ली एक्साइज रूल्स का उल्लंघन किया गया। इसके अलावा शराब विक्रेताओं की लाइसेंस फीस भी माफ की गई। इससे सरकार को 144 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हुआ। रिपोर्ट में आबकारी मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने वैधानिक प्रावधानों और आबकारी नीति का उल्लंघन किया। इन सभी गड़बड़ियों को देखते हुए ही सीबीआई जांच की सिफारिश करने का फैसला लिया गया।
आबकारी नीति में घोटाला किस आधार पर कहा जा रहा है?

इस साल 8 जुलाई को दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक रिपोर्ट भेजी थी। चीफ सेक्रेटरी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि पहली नजर में यह जाहिर होता है कि नई एक्साइज पॉलिसी को लागू करने में जीएनसीटी एक्ट-1991, ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन किया गया है।
क्या चीफ सेक्रेटरी एलजी को इस तरह की रिपोर्ट भेज सकता है?

एलजी ऑफिस की तरफ से यह साफ किया गया था कि ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993 के रूल नंबर 57 के तहत चीफ सेक्रेटरी ने यह रिपोर्ट एलजी को भेजी थी। यह रूल कहता है कि पूर्व निर्धारित प्रक्रियाओं के पालन में कोई भी कमी पाए जाने पर चीफ सेक्रेटरी तुरंत उस पर संज्ञान लेकर उसकी जानकारी एलजी और सीएम को दे सकते हैं। यह रिपोर्ट भी इन दोनों को भेजी गई थी।