अभी अभीः ED की पूछताछ में राहुल गांधी हो गये गोलमोल, जवाबों में झोल ही झोल, यहां देंखे

Just now: Rahul Gandhi has become equivocal in ED's interrogation, there is a jumble in the answers, see here
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नई दिल्ली. नेशनल हेराल्ड केस में ED के सामने पेश हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जांच अधिकारियों ने करीब 3 घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान राहुल से लगभग 50 सवाल पूछे गए। राहुल गांधी के जवाबों में से बन रहे सवालों के चलते ये पूछताछ लंबी खिंचती चली गई।

इससे पहले करीब सवा 11 बजे ED ऑफिस पहुंचते ही वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उनसे मोबाइल फोन वगैरह के बारे में पूछा तो राहुल गांधी ने उनसे कहा, ‘आप चेक करिए। यह आपकी ड्यूटी है।’ हालांकि, राहुल गांधी ने मोबाइल फोन अपने पास नहीं रखा था। उनके हाथ में ED के समन की कॉपी ही थी।

इसके बाद राहुल गांधी सुरक्षा कर्मियों के साथ असिस्टेंट डायरेक्टर रैंक के जांच अधिकारी के पास ले जाए गए। रास्ते में राहुल गांधी ने साथ चल रहे सुरक्षा कर्मियों से उनका नाम पूछा। साथ ही ये भी कि आप कितने दिनों से यहां कार्यरत हैं। क्या जांच के लिए आने वाले हर शख्स को इसी तरह जांच अधिकारी के पास तक ले जाते हैं? हालांकि, सुरक्षाकर्मी और ED कर्मचारियों ने मुस्कुरा कर रह गए। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

राहुल गांधी जब जांच अधिकारी के कमरे में पहुंचे, तब वो अधिकारी मौजूद नहीं थे। पूछने पर साथ के कर्मचारियों ने कहा कि आप बैठिए, साहब आ रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक राहुल अधिकारी के आने तक खड़े ही रहे। अधिकारी जब पहुंचे तो उन्होंने राहुल गांधी से बैठने को कहा। मास्क लगाए राहुल गांधी ने कहा, ‘थैंक्स! मुझसे जो पूछना है पूछिए। मैं तैयार हूं।’

राहुल गांधी को पानी दिया गया। उनसे चाय और कॉफी के बारे में पूछा गया। उन्होंने हर चीज के लिए मना कर दिया। एक बार भी अपना मास्क नहीं हटाया।

राहुल गांधी ने जांच अधिकारी से उनका नाम और पद के बारे में भी पूछा। राहुल गांधी ने अधिकारी से कहा, ‘यहां कांग्रेस नेताओं से ही केवल पूछताछ होती है या किसी और को भी आप लोग बुलाते है?’ हालांकि, अधिकारी ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।

राहुल गांधी से पूछताछ के लिए ED ने 50 से ज्यादा सवाल तैयार कर रखे थे। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के जवाबों में से निकल रहे सवालों के चलते ये संख्या बढ़ती गई। राहुल से पूछे गए 5 सवाल नीचे पढ़ें…

राहुल गांधी से पूछे गए कुछ अहम सवाल

आपकी यंग इंडिया में क्या भागीदारी थी?
आपने यंग इंडिया के शेयर अपने नाम क्यों किए?
आपकी यंग इंडिया में कितने प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
आपके अलावा और कौन-कौन यंग इंडिया में शेयर होल्डर हैं?

सामान्य आरोपी की तरह पेश हुए राहुल

ED दफ्तर में राहुल गांधी को किसी भी तरह का VIP ट्रीटमेंट नहीं दिया गया। ED अधिकारी ने उनसे उसी तरह पूछताछ की, जैसे वे किसी आम आरोपी से करते। इसे ED की तरफ से एक मैसेज भी माना जा रहा है कि ED अधिकारी हर किसी के साथ ऐसा ही व्यवहार करते हैं।

राहुल गांधी के जवाब को वहां मौजूद कर्मचारी कंप्यूटर में फीड करते जा रहे थे। जांच पूरी होने के बाद पूरे बयानों की कॉपी राहुल गांधी को दी जाएगी, जिसे वे खुद पढ़ेंगे और साइन करके जमा करेंगे।

केस को ऐसे समझिए
1938 में कांग्रेस पार्टी ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) बनाई थी। इसी के तहत नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला जाता था। उस वक्त AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज था और इसी को खत्म करने के लिए एक और कंपनी बनाई गई। जिसका नाम था यंग इंडिया लिमिटेड। इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38% थी।

यंग इंडिया को AJL के 9 करोड़ शेयर दिए गए। कहा गया कि इसके एवज में यंग इंडिया AJL की देनदारियां चुकाएगी, लेकिन शेयर की हिस्सेदारी ज्यादा होने की वजह से यंग इंडिया को मालिकाना हक मिला। AJL की देनदारियां चुकाने के लिए कांग्रेस ने जो 90 करोड़ का लोन दिया था, वह भी बाद में माफ कर दिया गया।

55 करोड़ की हेराफेरी का है आरोप
2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया और राहुल के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज कराया था। इसमें स्वामी ने गांधी परिवार पर 55 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगाया था। हालांकि, इस केस में ED की एंट्री साल 2015 में हुई।

केस में अब तक क्या-क्या हुआ

1 नवंबर 2012 को दिल्ली कोर्ट में सुब्रमण्यम स्वामी ने केस दर्ज कराया, जिसमें सोनिया-राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा आरोपी बनाए गए। ये सभी कांग्रेस से जुड़े हैं।

26 जून 2014 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सोनिया-राहुल समेत सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया।

1 अगस्त 2014 के ED ने इस मामले में संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।

मई 2019 में इस केस से जुड़ी 64 करोड़ की संपत्ति को ED ने जब्त किया।
19 दिसंबर 2015 को इस केस में सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को दिल्ली पटियाला कोर्ट ने जमानत दे दी।

9 सितंबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सोनिया और राहुल को करारा झटका दिया था। कोर्ट ने आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी।

कांग्रेस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी, लेकिन 4 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने कहा कि आयकर की जांच जारी रहेगी। हालांकि, अगली सुनवाई तक कोई आदेश पारित नहीं होगा।