गहलोत-पायलट के बीच सुलह को कर्नाटक का फॉर्मूला तैयार, दोनों नेताओं से बातचीत के बाद खुलासा करेंगे खड़गे

Karnataka's formula ready for reconciliation between Gehlot-Pilot, Kharge will reveal after talks with both the leaders
Karnataka's formula ready for reconciliation between Gehlot-Pilot, Kharge will reveal after talks with both the leaders
इस खबर को शेयर करें

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। दोनों नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी सोमवार को दिल्ली में मुलाकात करेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ दोनों नेता अलग-अलग मुलाकात करेंगे। जबकि दोनों नेताओं के आपस में भी बातचीत की संभावना है। कर्नाटक की तरह राजस्थान में भी कांग्रेस आपसी एकजुटता के साथ आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतरने की तैयारी में जुटी है।

सीएम गहलोत राजस्थान भवन का भी करेंगे शिलान्यास

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सीएम अशोक गहलोत सोमवार को दिल्ली जाएंगे। दिल्ली में वे राजस्थान भवन का शिलान्यास भी करेंगे। दो दिवसीय दिल्ली दौरे के क्रम में अशोक गहलोत मल्लिकार्जुन खरगे और कई अन्य नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।

सचिन पायलट की चेतावनी के बाद बैठक महत्वपूर्ण

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपनी मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है। वहीं मांगे पूरी नहीं होने पर राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। इसे पार्टी नेतृत्व ने गंभीरता से लिया और अब सुलह के प्रयास तेज कर दिए गए है। पायलट की ओर से कहा गया है कि उनकी तीन मांगों को इस महीने के अंत तक पूरा नहीं किया गया तो वह राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।

पायलट ने कथित घोटाले की जांच की मांग को लेकर दी है चेतावनी

पूर्व सीएम डिप्टी सचिन पायलट पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में कथित घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। इस सिलसिले में कांग्रेस आलाकमान की ओर से 26 मई को ही दोनों नेताओं के साथ बैठक होने वाली थी, लेकिन 29 और 30 मई को बैठक बुलाई गई है।

कर्नाटक का फार्म्युला अपनाने की तैयारी

कांग्रेस नेतृत्व ने कर्नाटक फार्म्युला की तरह राजस्थान में भी चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। इसके तहत पार्टी नेतृत्व की कोशिश की है कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दोनों नेताओं को एक मंच पर लाया जाए। मल्लिकार्जुन खरगे को कर्नाटक में सिद्धरमैया और डी के शिवकुमार को भी साथ में लाने में सफलता मिली थी। अब पार्टी अब चाहती है कि राजस्थान में भी इसी फॉर्मूले को अपनाया जाए।