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Delhi Excise Policy Arvind kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल आज भी दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश नहीं होंगे. केजरीवाल ने कहा, ‘ED का समन ग़ैरकानूनी है. इसलिए कानूनी रूप से सही समन की तामील करेंगे. आप ने ये भी कहा, ‘पीएम मोदी का मकसद केजरीवाल को गिरफ़्तार करना है. आप गिरफ़्तार करके दिल्ली की सरकार गिराना चाहते हैं. हम ये क़तई नहीं होने देंगे.’ आपको बताते चलें कि ED ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल को नया और पांचवां समन जारी किया था. इससे पहले भी वो बीचे चार महीनों में ED के चार समन टाल चुके हैं.
पांचवे समन पर सस्पेंस खत्म
इसके पहले केजरीवाल ने ट्वीट करके बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, ‘पहले चंडीगढ़ मेयर चुनाव में वोट चोरी की , अब इसके ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने आ रही जनता को जगह जगह दिल्ली भर में रोका जा रहा है.’ केजरीवाल इससे पहले 2 नवंबर, 21 दिसंबर और इसी साल 3 जनवरी और 18 जनवरी को ED के समक्ष उपस्थित होने के लिए जारी उसके समन को टाल चुके हैं.
आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा है कि उसकी लीगल टीम मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी आबकारी नीति (Delhi Excise Policy) के सिलसिले में केजरीवाल को जारी समन का स्डटी कर रही है. वहीं चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कथित धांधली के विरोध में केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ आज BJP मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे.
क्या है दिल्ली शराब घोटाला?
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई आबकारी नीति लागू करके सरकार के राजस्व में इजाफा होने का दावा किया था. हालांकि जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने आबकारी नीति में अनियमितता होने के संबंध में एक रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी. इसमें नीति में गड़बड़ी होने के साथ ही तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था.
1. ED की जांच 2021 में पेश की गई दिल्ली शराब बिक्री नीति से संबंधित है. मनीष सिसोदिया दिल्ली के आबकारी विभाग के प्रमुख थे. जिस कारण वह निशाने पर आए और गिरफ्तार हुए. आपको बताते चलें कि दिल्ली की ये विवादित शराब बिक्री नीति वापस ली जा चुकी है.
2. शराब पॉलिसी के तहत, अधिकांश राज्यों में मानदंडों से हटकर सरकार का अब शराब बेचने से कोई लेना-देना नहीं था और केवल निजी दुकानों को ही ऐसा करने की अनुमति थी. इसका मुख्य उद्देश्य कालाबाजारी को रोकना, राजस्व में वृद्धि करना और उपभोक्ता अनुभव में सुधार करना था.
3. इसने शराब की होम डिलीवरी और दुकानों को 3 बजे तक खुले रहने की भी अनुमति दी थी. लाइसेंसधारी असीमित छूट भी दे सकते थे. सरकार ने नीति से आय में 27 प्रतिशत की पर्याप्त वृद्धि की सूचना दी थी, जिससे लगभग 8,900 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे.
4. आबकारी नीति तब मुश्किल में पड़ गई जब इसमें घोटाले के आरोप लगे. फिर दिल्ली पुलिस की EOW शाखा को जांच सौंपी गई.