हिमाचल के इन 9 जिलों में लंपी वायरस ने मचाया कहर, 5019 पशुओं की मौत, 87,645 संक्रमित

Lumpy virus caused havoc in these 9 districts of Himachal, 5019 animals died, 87,645 infected
Lumpy virus caused havoc in these 9 districts of Himachal, 5019 animals died, 87,645 infected
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शिमला. हिमाचल प्रदेश के के नौ जिलों में लंपी वायरस फैला है. अब तक इन नौ जिलों में 87,645 पशु लंपी बीमारी से संक्रमित हुए हैं. और करीब 5019 गोवंशों की मौत हो चुकी है. फिलहाल, बीमारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. हिमाचल पशु पालन विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि लम्पी रोग के बारे में पशुपालकों को जागरूक करने के लिए नियमित रूप से समाचार पत्रों, जागरूकता शिविरों, पोस्टर तथा पैम्पलेट्स व अन्य माध्यमों द्वारा सूचना उपलब्ध करवाई जा रही है. अभी तक 650 शिविरों का आयोजन कर 27,500 किसानों को बीमारी के बारे में जानकारी प्रदान की गई है. सभी प्रभावित जिलों में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें बनाई गई हैं, जो रोगी पशुओं को तुरन्त उपचार उपलब्ध करवा रही हैं. प्रत्येक जिला के सहायक निदेशक, परियोजना को जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. निदेशालय स्तर पर भी टास्क फोर्स और वार रूम स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष नम्बरः 0177-2650938 है.

24 लाख पशुओं की जान पर आफत
उन्होंने कहा कि 22 सितम्बर, 2022 तक प्रदेश के नौ जिलों में 87,645 पशु इस रोग से ग्रसित पाए गए और 5019 गौवंश की मृत्यु दर्ज की गई. अब तक 45,425 पशु इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं. प्रदेश में अभी तक इस रोग की संक्रमण दर 3.65 प्रतिशत तथा मृत्यु दर 5 प्रतिशत के करीब है. प्रदेश में इस बीमारी के लिए संवेदनशील पशुओं की कुल संख्या 24,00,638 हैं. इस बीमारी से प्रभावित क्षेत्रों के आसपास 5 किलोमीटर के दायरे में रोग प्रतिरोधी टीकाकरण किया जा रहा है तथा अब तक 2,37,748 गायों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. स्थानीय निकायों के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर मक्खी-मच्छर की रोकथाम के लिए कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है.

पशुओं की आवाजाही पर रोक
प्रदेश सरकार द्वारा 18 अगस्त, 2022 को पूरे प्रदेश में लम्पी चमड़ी रोग की अधिसूचना जारी की गई है. इस अधिसूचना के फलस्वरूप सभी जिलों के उपायुक्तों को प्राधिकृत अधिकारी घोषित किया गया है. पशुओं के आवागमन पर भी रोक लगाई गई है. राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा भी इस बीमारी को महामारी घोषित करने के लिए मामला केन्द्र सरकार के समक्ष उठाया गया है, ताकि मृत पशुओं के मालिकों को मुआवजा दिया जा सके.प्रदेश में बीमारी का जायजा लेने के लिए केन्द्र सरकार की टीम ने 12 सितम्बर को जिला बिलासपुर तथा 13 सितम्बर को जिला ऊना का दौरा किया था. बता दें कि गौवंश में फैल रहा लम्पी चमड़ी रोग संक्रामक रोग है. यह विषाणु जनित रोग संक्रमित पशु के सम्पर्क में आने व मक्खी व मच्छर द्वारा संक्रमित पशु को काटने के बाद स्वस्थ पशु को काटने से फैलता है.