UP Cabinet : अंग्रेजों के जमाने के कई प्रावधान खत्म, जेल में बंदियों को मिलेगी ज्यादा सुविधा, घर जैसा खाना मिलेगा

Many provisions of British era ended, prisoners will get more facilities in jail, will get food like home
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लखनऊ। आजादी के 75 साल पूरा होने पर योगी सरकार ने प्रदेश की जेलों को ब्रिटिश काल के मैनुअल से आजादी दे दी है। सभी बंदियों को न सिर्फ घर जैसा खाना दिया जाएगा, बल्कि जेल के बंदी रक्षकों को भी आधुनिक हथियारों से लैस किया जाएगा। कारागार विभाग द्वारा तैयार किए गए इससे संबंधित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी। ‘उप्र जेल मैनुअल 1941’ के अनुपयोगी हो चुके प्रावधानों को समाप्त कर प्रस्तावित ‘उप्र जेल मैनुअल 2022’ में बंदियों के लिए तमाम नई सुविधाएं भी दी जाएंगी। इसमें बंदी अपराधियों के अपराध करने के नए-नए तरीकों से निपटने के उद्देश्य से कारागार प्रशासन व प्रबंध व्यवस्था में व्यापक बदलाव किए जाने का प्रस्ताव शामिल है। नए संशोधन में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा निर्मित मॉडल प्रिजन मैनुअल 2016 के प्रावधानों को लागू किया जाएगा।

शिशुकक्ष व बालवाड़ी की व्यवस्था
कारागार राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि नये मैनुअल के मुताबिक जेल में निरूद्ध महिलाओं के साथ रहने वाले 6 वर्ष तक के बच्चों की बेहतर देखभाल के लिए एक शिशुकक्ष और एक बालवाड़ी (नर्सरी) की व्यवस्था होगी। 3 साल से कम उम्र के बच्चों को शिशु कक्ष में और 3 साल से 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों का देखभाल बालवाड़ी में किया जाएगा। बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के साथ ही इनके मनोरंजन, टीकाकरण और पौष्टिक भोजन देने की भी व्यवस्था होगी। मां की सहमति से 4 से 6 साल की आयु वाले बच्चों को जेल से बाहर भी किसी विद्यालय में प्रवेश कराया जा सकेगा। उसके स्कूल जाने के लिए वाहन की व्यवस्था सरकारी खर्चे पर होगा।

चार श्रेणियों में बांटे जाएंगे जेल
मौजूदा व्यवस्था में जिला कारागारों में बंदी संख्या के आधार पर 5 श्रेणियां हैं। इसमें 500 से अधिक, 301 से 500 तक, 151 से 300 तक 101 से 150 तक 01 से 100 तक निर्धारित थीं। नये मैनुअल में चार श्रेणियां होंगी। श्रेणी-ए की कारागार में 2000 से अधिक बंदी, श्रेणी-बी में 1501 से 2000, श्रेणी-सी में 1001 से 1500 और श्रेणी-डी में 1000 तक बंदी।

बंदी रक्षकों को रायफल के स्थान पर 9 एमएम की पिस्टल
अब तक बंदी रक्षकों को अंग्रेजों के जमाने की 303 रायफल ही मिलती थी। अब उन्हें 9 एमएम की पिस्टल, इन्सास और कार्बाइन मिलेगी। इससे वे खूंखार अपराधियों से निपटने में सक्षम होंगे। आपात स्थिति में स्थिति नियंत्रित करने के लिए बाहरी फोर्स की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। बंदियों की सुरक्षा के लिए चेस्ट गार्ड, एल्बोगार्ड, फाइबर ग्लास, हेलमेट, पॉली कॉर्बोनेट शील्ड व लाठी के अलावा दंगारोधी टीजर गन आंसू गैस, वाटर कैनन, शॉक बटन, पेपर वॉल गन भी मुहैया कराया जाएगा।

महिला बंदियों को ये सुविधाएं
– मंगल सूत्र व सलवार-सूट पहने की छूट मिलेगी।
– सेनेटरी नैपकिन, नारियल तेल एवं शैम्पू मिलेगा।
– कारागार में जन्में बच्चों का जन्म पंजीकरण, टीकाकरण एवं नामकरण कराया जाएगा
– बच्चों के लिये क्रेच, नर्सरी, खेलकूद, मनोरंजन और शिक्षा की व्यवस्था
– गर्भवती एवं नर्सिग माताओं को पौष्टिक आहार व चिकित्सीय सुविधायें
– टूथ पाउडर, चप्पल, कूलर मिलेगा।

पुरुष बंदियों को मिलेगी यें सुविधाएं
– दाढ़ी बनाने के लिए कैन्टीन से खरीद सकेंगे कारट्रिज रेजर
– नाई एवं कपड़ा धुलाई भी करा सकेंगे

बंदियों को रोज मिलेगी चटनी, त्योहारों पर सेंवई व खीर
यूपी के नए जेल मैनुअल में बंदियों को सप्ताह में दो बार के स्थान पर प्रतिदिन चटनी, माह में एक बार कढ़ी चावल, प्रतिदिन शाम को चाय, कारागारों में बेकरी की व्यवस्था और ईद एव बकरीद पर सेवई एवं होली, दीपावली एवं राष्ट्रीय पर्वों पर खीर एवं व्रत के समय विशेष भोजन दिया जाएगा। हिंदू बन्दियाें को शिवरात्रि, रामनवमी, अनंत चतुर्दशी, देवोत्थानी एकादशी, जन्माष्टमी, नवरात्रि, करवा चौथ, तीज और भीम एकादशी पर और मुस्लिम बंदियों को रोजा रखने की अनुमति होगी।

इसमें महिलाओं के स्वास्थ्य पर खास फोकस किया गया है। उन्हें नहाने और कपड़ा धोने के लिए जहां अब साबुन देने का प्रावधान किया गया है, वहीं, प्रतिमाह 60-60 ग्राम सरसों और नारियल का तेल भी दिया जाएगा। जबकि बाल धुलने के लिए 20 एमएल शैंपू भी दिए जाएंगे। इसी प्रकार नए जेल मैनुअल में बंदियों की शिक्षा पर भी विशेष जोर दिया जाएगा।

जेल में ही बंदियों के लिए शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में सभी राज्य के सभी सरकारी विभाग, एनजीओ, शिक्षाविद्, कॉरपोरेट घराने, व्यवसायी या कोई अन्य मान्यता प्राप्त एजेंसी शामिल हो सकेंगी। इस कार्यक्रम के तहत बंदियों के शारीरिक और स्वास्थ्य शिक्षा, अकादमिक शिक्षा, सामाजिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा व सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन होगा।

कतिपय प्रतिबंधों के साथ बंदियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने की भी सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा जेल में उद्योग व बंदियों की सहकारी समितियों का भी गठन किया जाएगा। कारागार मुख्यालय पर कारागर महानिदेशक की अध्यक्षता में कौशल विकास कार्यक्रम और व्यावसायिक शिक्षा प्रशिक्षण समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति बंदियों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम कराने की योजना तैयार करने समेत अन्य काम करेगी। बंदियों को रेडीमेड कपड़े तैयार करने, निर्माण कार्य, बढ़ईगिरी, प्लंबरिंग, इलेक्ट्रिशियन, दर्जी, चमड़ा और कृषि, मुर्गी पालन और कम्प्यूटर चलाने का प्रशिक्षण दिया दिया जाएगा?

अप्रसांगिक हो चुकी ये व्यवस्थाएं भी होंगी समाप्त

– लॉकअप जेल की व्यवस्था समाप्त
– यूरोपीय बंदियों के लिए अब अलग जेल की व्यवस्था नहीं होगी
– रजवाड़ों के बंदी के लिए मुक्ति और स्थानांतरण की व्यवस्था
– नेपाल, भूटान, सिक्किम एवं कश्मीर के बंदियों की मुक्ति और स्थानांतरण की व्यवस्था खत्म
– क्षय रोग से ग्रसित बंदियों के लिए जिला कारागार सुल्तानपुर के निर्धारण की व्यवस्था खत्म
– कालापानी की सजा के लिए कैदी अब पोर्ट ब्लेयर स्थानांतरित नहीं होंगे
– जेलों में अब नहीं बनेंगे शुष्क शौचालय, जेलों में लालटेन की व्यवस्था खत्म

सभी जेल में रखें जाएंगे टीबी रोगी
टीबी से ग्रसित बंदियों के लिए सिर्फ सुल्तानपुर जेल के निर्धारण की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। यानि अब ऐसे रोगी प्रदेश के सभी जेल में रह सकते हैं। वहीं उनका इलाज होगा।

ये भी हैं प्रमुख संशोधन
– एक ही जेल में निरुद्ध रक्त संबंधी एवं पति-पत्ली अब आपस में मुलाकात कर सकेंगे
– रक्त संबंधी अथवा पति-पत्नी की मृत्यु पर अंतिम दर्शन की होगी व्यवस्था
– विदेशी बंदियों की से भी हो सकेगी मुलाकात
– बंदियों से मुलाकात करने वालों को दिखाना होगा फोटोयुक्त पहचान पत्र
– अब किसी बंदी द्वारा जेल में अपराध करने पर उसे हथकड़ी व बेड़ी नहीं लगाया जाएगा और न ही उसे तनहाई में डाला जाएगा।
– बंदियों को मई व जून को छोड़कर सभी महीनों में चाय के साथ 4 बिस्किट मिलेंगे
– जेलों में पके हुए सामान बनाने के लिये बेकरी की होगी स्थापना
– निराश्रित बंदियों को चप्पल दिया जाएगा, पर रिहाई के समय जमा करना होगा।
– सभी जेलों में एक बंदी कल्याण कैंटीन तथा बंदी कल्याण कोष की स्थापना होगी
– जेल बंदियों की एक पंचायत होगी, जेल प्रशासन करेगा पंचायत के कामकाज की निगरानी
– बंदी की मृत्यु पर सीएमओ की देखरेख में अनिवार्य होगा पोस्टमार्टम
लेखपाल भर्ती में साक्षरता की व्यवस्था समाप्त, सौ अंक का होगा प्रश्न पत्र
प्रदेश में लेखपाल की भर्ती उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से कराने और लेखपाल भर्ती में साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश लेखपाल सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2022 को मंजूरी दी है। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने बताया कि पहले लेखपाल भर्ती राजस्व परिषद की ओर से गठित समिति के जरिये की जाती थी। इसमें 80 अंक की परीक्षा और 20 अंक के साक्षात्कार की व्यवस्था थी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश लेखपाल सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2022 को कैबिनेट से मंजूरी के बाद लेखपाल भर्ती परीक्षा में साक्षात्कार की व्यवस्था को समाप्त किया है। अब 100 अंक की परीक्षा होगी। उन्होंने बताया कि भर्ती उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिये कराई जाएगी।
प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों का होगा कंप्यूटरीकरण
प्रदेश में प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (पैक्स) का कंप्यूटरीकरण किया जाएगा। योगी कैबिनेट की मंगलवार को आयोजित बैठक में भारत सरकार के दिशा निर्देश के तहत पैक्स के कंप्यूटरीकरण की योजना को लागू करने की मंजूरी दी गई। पैक्स की कंप्यूटरीकरण योजना को लागू करने वाला यूपी पहला राज्य होगा।

सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने बताया कि प्रदेश में सभी 7400 पैक्स को कंप्यूटरीकरण किया जाएगा। योजना के पहले चरण में 2022-23 में 1500 पैक्स, 2023-24 में 2900 और 2024-25 में 3000 पैक्स का कंप्यूटरीकरण किया जाएगा। योजना को लागू करने के लिए आने वाले व्ययभार में भारत सरकार की ओर से 60.73 प्रतिशत, राज्य सरकार की ओर से 29.25 प्रतिशत और नाबार्ड की ओर से 10.02 प्रतिशत वहन किया जाएगा। योजना को लागू करने के लिए राज्य स्तर पर सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता और जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कार्यान्वयन समिति का गठन किया है।

योजना के तहत साफ्टवेयर साइबर सुरक्षा डाटा स्टोरेज ट्रेनिंग एवं परियोजना निगरानी इकाई सपोर्ट सिस्टम पर होने वाला व्यय भारत सरकार और नाबार्ड की ओर से व्यय किया जाएगा। नाबार्ड की ओर से हर जिले में 200 पैक्स के लिए आईटी विशेषज्ञों की एक टीम बनाई जाएगी। नाबार्ड की ओर से पांच वर्ष तक योजना की होल्डिंग की जाएगी। परियोजना समाप्ति की तिथि 31 मार्च 2027 होगी।
प्रतापगढ़ के मांधाता को मिला नगर पंचायत का दर्जा
इस वर्ष के अंत में होने वाले नगर निकाय के चुनाव को देखते हुए सरकार ने एक और नई नगर पंचायत का गठन करते हुए प्रतापगढ़ के मान्धाता बाजार को नई नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है। वहीं, जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर नगर पालिका परिषद के सीमा का विस्तार करने का भी फैसला किया गया है। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही प्रदेश में अब नगर निकायों की कुल संख्या 752 हो गई है।

कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि प्रतापगढ़ के डीएम द्वारा उपलब्ध कराये गए प्रस्ताव के आधार पर सरकार ने मन्धाता को नगर पंचायत बनाने का फैसला किया है। इसी प्रकार सरकार ने जौनपुर के डीएम के प्रस्ताव पर मुंगराबादशाह पुर नगर पालिका परिषद का विस्तार करने का फैसला किया गया है। प्रस्ताव के मुताबिक मुंगरा बादशाहपुर नगर पालिका परिषद में आसपास के12 राजस्व ग्रामों को शामिल किया गया है।
फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट अलीगढ़ होगा स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट
कैबिनेट ने फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट अलीगढ़ (एफसीआई) को स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (एसआईएचएम) में उच्चीकृत किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इससे संस्थान की क्षमता का विस्तार होगा। साथ ही सालाना लगभग 1700 से अधिक छात्र-छात्राओं को परास्नातक डिग्री, पीजी डिप्लोमा, स्नातक डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट व कौशल विकास पाठ्यक्रमों को मिलाकर कुल 17 प्रकार के कोर्सों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

संस्थान में रोजगारपरक विभिन्न पाठ्यक्रमों में शिक्षण-प्रशिक्षण होगा। इससे रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और स्थानीय विकास भी होगा। इस परियोजना पर आने वाले वास्तविक व्यय भार का आकलन योजनानुसार किया जायेगा। यह राज्य पोषित योजना है। कैबिनेट ने इसके साथ ही वर्तमान फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट के संचालन के लिए राज्य सरकार द्वारा वेतन भत्तों के मद में दिए जा रहे अनुदान को उच्चीकृत होने के बाद नवसृजित इंस्टीट्यूट को आवंटित करने की स्वीकृति दे दी है। यही नहीं नए इंस्टीट्यूट के लिए नेशनल काउंसिल ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी के मानकों के अनुरूप कुल 71 पदों की स्वीकृति दी गई है। साथ ही वर्तमान में एफसीआई, अलीगढ़ के लिए स्वीकृत 19 पदों का उच्चीकृत इंस्टीट्यूट में विलय करते हुए बाकी 52 पदों को सृजित करने की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही आगे आवश्यक निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत करने के प्रस्ताव को भी अनुमति दी गई है।