राजस्थान के हनुमानगढ़ में वायुसेना का मिग-21 क्रैशः घर पर गिरा फाइटर जेट, 3 महिलाओं की मौत; मचा हाहाकार

MiG-21 crash of Air Force in Hanumangarh, Rajasthan: Fighter jet fell at home, 3 women died; outcry
MiG-21 crash of Air Force in Hanumangarh, Rajasthan: Fighter jet fell at home, 3 women died; outcry
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हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ में सोमवार सुबह मिग-21 फाइटर जेट क्रैश हो गया। फाइटर जेट बहलोल नगर इलाके में एक घर पर गिरा। इस घर में रहने वाली 3 महिलाओं की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि पायलट सुरक्षित है। हादसे के बाद घटनास्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए हैं। मृतकों के नाम बशोकौर (45), बंतो (60) और लीला देवी (55) हैं। पायलट राहुल अरोड़ा (25) ने पैराशूट से कूदकर अपनी जान बचाई। उन्हें सूरतगढ़ भेजा गया है।

एयरफोर्स ने बताया कि मिग-21 ट्रेनिंग उड़ान पर था और सूतरगढ़ के करीब क्रैश हो गया। पायलट को मामूली चोटें आई हैं। हादसे की जांच शुरू कर दी गई है।

16 महीने, 7 बार क्रैश हुआ MIG-21
5 जनवरी 2021: राजस्थान के सूरतगढ़ में हुआ था। इस हादसे में पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहा था।
17 मार्च 2021: मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास एक मिग-21 बाइसन प्लेन क्रैश हुआ था। IAF ग्रुप कैप्टन की इस घटना में मौत हो गई थी।
20 मई 2021: पंजाब के मोगा में मिग-21 की दूसरी दुर्घटना हुई। इस हादसे में पायलट की जान चली गई थी।
25 अगस्त 2021: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 एक बार फिर हादसे का शिकार हुआ। इस प्लेन क्रैश में पायलट खुद को बचाने सफल रहा था।
25 दिसंबर 2021: राजस्थान में ही मिग-21 में बाइसन दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस हादसे में पायलट की जान चली गई थी।
28 जुलाई 2022: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। इस घटना में दो पायलट्स की जान चली गई थी।
8 मई 2023: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। पायलट सुरक्षित।

जुलाई 2022 में बाड़मेर में गिरा था मिग-21 बायसन, 2 पायलट शहीद हुए थे
28 जुलाई 2022 में राजस्थान के ही बाड़मेर में MiG-21 बायसन (ट्रेनर एयरक्राफ्ट) क्रैश हो गया था। इसमें आग लग गई थी और मलबा करीब आधा किलोमीटर के दायरे में बिखरा गया था। हादसे में विमान में सवार दोनों पायलट शहीद हो गए थे। विमान जहां गिरा वहां 15 फीट के दायरे में बड़ा गड्‌ढा हो गया था।

5 दशकों में 400 क्रैश, 200 पायलटों की जान भी गई
सोवियत संघ ने 1940 में मिग विमान बनाए और 1959 में इसे अपनी वायुसेना में शामिल कर लिया। तब यह 2229 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता था यानी ध्वनि की रफ्तार से भी 1000 किमी/घंटा ज्यादा। भारत में अप्रैल 1963 में मिग को वायुसेना में शामिल किया गया। 1971 और 1999 की जंग जीतने में मिग का अहम रोल था। लेकिन भारत में पिछले पांच दशकों में 400 क्रैश में 200 पायलटों की जान भी ली है। MiG-21 विमानों को 2025 तक भारत के आसमान से उतार लिया जाएगा।