गोल्ड में बदलेगा मीराबाई चानू का सिल्वर मेडल? सामने आई ये बडी वजह

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नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने इतिहास रच दिया. 26 साल की चानू ने वेटलिफ्टिंग (Weightlifting) की 49 किलोग्राम कैटेगरी में सिल्वर जीता और पूरे देश का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. लेकिन अब मीराबाई चानू को लेकर एक बहुत बड़ी खबर सामने आई है.

मीराबाई को मिल सकता है गोल्ड मेडल
बता दें कि अब शायद मीराबाई चानू का सिल्वर मेडल गोल्ड में बदल सकता है. इसके पीछे एक बहुत ही बड़ी वजह सामने आई है. हमारी सहयोगी वेबसाइट DNA के मुताबिक मीराबाई का सिल्वर इस वजह से गोल्ड में बदल जाएगा क्योंकि चीन की वेटलिफ्टर होउ जिहुई का डोपिंग रोधी अधिकारियों द्वारा परीक्षण किया जाएगा. यदि वह परीक्षण में विफल हो जाती हैं तो मीराबाई के हाथ गोल्ड मेडल लग जाएगा. बता दें कि होउ जिहुई 49 किलोग्राम की कैटेगरी में गोल्ड जीता था.

होगा भारत का दूसरा गोल्ड मेडल

मीराबाई ने पहले ही सिल्वर मेडल जीतकर देश को बड़ी कामयाबी दिलाई है लेकिन अगर उनका सिल्वर गोल्ड में बदल जाता है तो वो इतिहास रच देंगी. ये भारत के लिए ओलंपिक इतिहास में सिर्फ दूसरा व्यक्तिगत गोल्ड मेडल होगा. इससे पहले बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में गोल्ड जीता था. इसके अलावा भारत ने हॉकी में 8 गोल्ड मेडल जीते हैं.

मीराबाई चानू ने रचा इतिहास
मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ओलंपिक में सिल्वर जीतने वाली पहली भारतीय वेटलिफ्टर बन चुकी हैं. उन्होंने क्लीन और जर्क में 115 किलोग्राम और स्नैच में 87 किलोग्राम मिलाकर कुल 202 किलोग्राम वजन उठाया और सिल्वर मेडल अपने नाम किया.

वेटलिफ्टिंग (Weightlifting) में भारत को 21 साल बाद कोई मेडल मिला है. इससे पहले कर्णम मल्लेश्वरी (Karnam Malleswari) ने सिडनी ओलंपिक 2000 (Sydney Olympics 2000) में देश को वेटलिफ्टिंग (Weightlifting) में ब्रॉन्ज दिलाया था.