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पटना: बिहार-झारखंड में पहली बार 2 लाख 30 हजार संदिग्ध मोबाइल कनेक्शन को ब्लॉक कर दिया गया। ये कार्रवाई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)पर आधारित चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर की मदद से की गई है। जिसकी जानकारी बिहार-झारखंड के डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन के डीजी गिरिजेश कुमार मिश्रा ने मंगलवार को दी। देश में पहली बार एआई पर आधारित टेक्नोलॉजी की प्रैक्टिस की गई है। इसकी मदद से साइबर क्राइम पर लगाम कसने में भी मदद मिलेगी।
फर्जी दस्तावेज और फोटो का फर्जीवाड़ा
मोबाइल कनेक्शन के ब्लॉक करने की कार्रवाई उन लोगों पर की गई है। जिनके सरकारी आईडी दस्तावेजों पर नाम अलग-अलग थे। लेकिन फोटो एक जैसी थी। साथ कुछ केस ऐसे भी हैं। जिनके दस्तावेज एक ही हैं, लेकिन फोटो अलग-अलग हैं। गिरिजेश मिश्रा ने बताया कि कई केस में फर्जी दस्तावेज बनाकर किसी और आईडी और फोटो पर मोबाइल कनेक्शन लिए गए हैं। इस मामले में पुलिस के पास 7 FIR भी दर्ज हैं। जिसमें 350 पीओएस एजेंट भी शामिल हैं। जिन्होने सत्यापन में लापरवाही बरती है।
बिहार के 2.30 लाख मोबाइल कनेक्शन ब्लॉक
जानकारी के मुताबिक ब्लॉक किए गए मोबाइल कनेक्शन में 87 फीसदी यानि 2 लाख 30 हजार मामले बिहार से हैं। जबकि बाकी 13 फीसदी झारखंड से हैं। फर्जी दस्तावेजों पर मोबाइल कनेक्शन लेने के मामले में वोडाफोन और आडिया लिमिटेड ने कुछ एफआईआर भी दर्ज कराई हैं। पिछले साल अगस्त तक के आंकड़ों के आधार पर, DoT ने बिहार और झारखंड में कुल 1 करोड़ 10 लाख मोबाइल ग्राहकों पर मार्च में किए गए विश्लेषण में 70 लाख मोबाइल ग्राहकों के डेटा में से 0.38% संदिग्ध कनेक्शनों का पता लगाया था। जिसमें 2.60 लाख कनेक्शनों में से 30 हजार फ़्लैग किए गए संदिग्ध बाद में पुनः सत्यापन के बाद सही पाए गए थे। बाकी का कनेक्शन काट दिया गया था।
AI आधारित सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल
हैरानी की बात ये है कि एक शख्स के पास 6 हजार 900 कनेक्शन पाए गए, जबकि दूसरे के पास 5 हजार 200 कनेक्शन थे। जब DoT ने 870 मिलियन मोबाइल कनेक्शनों पर AI एल्गोरिथ्म का इस्तेमाल किया, तो भारत में 40 लाख कनेक्शन संदिग्ध मिले। अब तक 36 लाख से अधिक संदिग्ध मोबाइल कनेक्शन काट दिए गए हैं। संचार, रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एकीकृत नागरिक केंद्रित पोर्टल, संचार साथी के लॉन्च के दौरान कहा, कि पोर्टल मोबाइल उपभोक्ताओं को खोए हुए मोबाइल फोन को ब्लॉक या ट्रेस करने की अनुमति देता है, नया या पुराना मोबाइल फोन खरीदते समय दस्तावेजों और डिवाइस की वास्तविकता की जांच करता है, उनके नाम पर जारी किए गए मोबाइल कनेक्शनों को जानता है और उन कनेक्शनों को काट देता है जिनकी उन्हें आवश्यकता नहीं है। भारत में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार है।