यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ के 70 से ज्यादा छात्र: हॉस्टल के आसपास लगातार बमबारी, छात्रों में डर का माहौल

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बिलासपुर: जिले के जरहाभाठा में रहने रिया अदिति 6 साल पहले मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन गई थी। वहां खारकीव के नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। पढ़ाई पूरी कर इस साल के जून में उसे भारत लौटना था, लेकिन युद्ध के कारण लौट नहीं पाई। रिया ने अपनी मां सीमा लदेर से बताया कि उनके हॉस्टल के ऊपर से लगातार बमवर्षक विमान गुजर रहे हैं।

आसपास के क्षेत्रों में लगातार बमबारी हो रही है। हॉस्टल के आसपास भी कई बार बम गिरे हैं। धमाकों से क्षेत्र गूंज रहा है। अब तक हमें यहां से निकालने की पहल नहीं की गई है। हम अपने पैरेंट्स से लगातार संपर्क में हैं। सुबह हमसे बात हुई थी। हो सकता है कि मोबाइल कनेक्टिविटी खत्म हो जाए। हमारी चिंता न करें। हम सुरक्षित हैं।

बिलासपुर के शांति नगर में रहने वाले अभिषेक ने भास्कर को बताया कि मैं 6 साल पहले मेडिकल की पढ़ाई करने यूक्रेन आया था। यहां डेनिफर पिट्रो मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहा हूं। हॉस्टल में छत्तीसगढ़ के 6-7 स्टूडेंट्स अलग-अलग कमरों में रहते हैं। यहां बेहद तनाव की स्थिति है। पढ़ाई बंद है। छात्रों को हॉस्टल में अपने कमरों में रहने की हिदायत दी गई है।

मैं खुद पिछले दो- तीन दिनों से हॉस्टल के बाहर नहीं गया। आज सुबह पहली बार हॉस्टल के बाहर बममारी हुई। इसके बाद से छात्रों में चिंता और डर का माहौल है। सभी के घरों से लगातार कॉल आ रहे हैं। हमें यहां से निकालने के लिए अब तक किसी ने कोई पहल नहीं की है। परिजन लगातार कॉल कर रहे हैं। उम्मीद है कि हम सुरक्षित देश पहुंच सकेंगे।

सुरक्षित लाने की पहल
लोगों की मदद के लिए दिल्ली में हेल्प सेंटर भी
रायपुर|यूक्रेन में फंसे छत्तीसगढ़ के लोगों एवं छात्रों की मदद के लिए दिल्ली में हेल्पसेंटर बनाया गया है। राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से समन्वय बनाकर राज्य के लोगों की सुरक्षित वापसी के प्रयास किया जा रहे है। अब तक 75 लोगों ने मदद के लिए हेल्प सेंटर में संपर्क किया है। इसके लिए डॉ. गणेश मिश्र के 011-46156000, 99970-60999 और फैक्स नं. 011-46156030 पर संपर्क किया जा सकता है।