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नई दिल्ली: परीक्षाओं में धांधली रोकने और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। खबर है कि सोमवार को संसद में इससे जुड़ा विधेयक भी पेश हो सकता है। खास बात है कि बजट सत्र के शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अभिभाषण में पेपर लीक के खिलाफ कानून का जिक्र किया था। खबर है कि इसमें 10 साल की जेल और एक करोड़ रुपये जुर्माने जैसे कड़े प्रावधान शामिल हैं। सरकारी नौकरियों और केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाओं में गलत संसाधनों के इस्तेमाल के खिलाफ नए विधेयक की तैयारी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्तावित कानून का मकसद माफिया समेत ऐसे संस्थानों और लोगों पर नकेल कसना है, जो पेपर लीक, किसी और से परीक्षा दिलाने, कंप्यूटर हैकिंग में शामिल हैं।
कड़ी सजा मिलेगी
रिपोर्ट के अनुसार, तय अभ्यर्थी के स्थान पर किसी और को परीक्षा दिलाने, पेपर सॉल्व कराने, केंद्र के अलावा कहीं और परीक्षा आयोजित करने या परीक्षा से जुड़ी धोखेबाजी की जानकारी नहीं देने वालों को 3 से 5 सालों की सजा हो सकती है। साथ ही 10 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। कहा जा रहा है कि कंप्यूटर आधारित परीक्षा करा रहा सर्विस प्रोवाइडर अगर गलत कामों में शामिल पकड़ा जाता है, तो 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है। साथ ही उसपर 4 सालों के लिए परीक्षा आयोजित कराने पर भी रोक लग सकती है। ऐसी कंपनी का अगर शीर्ष प्रबंधन भी इस तरह के कामों में लिप्त पाया जाता है, तो 3 से 10 सालों की जेल और 1 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है।
विधेयक में और क्या
पीटीआई भाषा के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक, 2024 सोमवार को संसद में पेश किया जा सकता है, लेकिन अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में इस विधेयक को मंजूरी दी थी। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित विधेयक में विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।
विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति का भी प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी। यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी।
इससे पहले, बजट सत्र की शुरुआत पर संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है। उन्होंने कहा, ‘इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है।’ पिछले साल परीक्षा पत्र लीक होने के बाद राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा, हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए साामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी), गुजरात में कनिष्ठ लिपिकों के लिए भर्ती परीक्षा और बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा समेत अन्य परीक्षाएं रद्द की गई थीं।