मुजफ्फरनगर। सहारनपुर की एंटी करप्शन टीम ने मत्स्य पालन विभाग के मत्स्य विकास अधिकारी (इंस्पेक्टर) आनंद कुमार को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। उसे विकास भवन के सामने फोटो स्टेट की दुकान से रिश्वत के 15 हजार रुपये बरामद कर गिरफ्तार किया गया। टीम ने मत्स्य पालन विभाग के सहायक निदेशक को भी आरोपी बनाते हुए भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया और गिरफ्तार आरोपी को सिविल लाइन थाना पुलिस को सौंप दिया।
विकास भवन में सहायक निदेशक मत्स्य पालन विभाग का कार्यालय तीसरी मंजिल पर है। यहां राजे लाल सहायक निदेशक व आनंद कुमार मत्स्य विकास अधिकारी (इंस्पेक्टर) के पद पर तैनात है। शामली में विभागीय कार्यालय न होने के कारण दोनों अधिकारियों पर जनपद शामली का भी चार्ज है। शामली के गांव बुटराडा निवासी निशांत चौधरी ने अपनी माता बिमला देवी के नाम से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मत्स्य पालन के लिए तालाब के लिए आवेदन किया था। मछली पालन के लिए विभाग से पुरुष को 40 प्रतिशत और महिला के नाम से 60 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है। इस हिसाब से उसे 2 लाख 36 हजार 577 की सब्सिडी की किस्त मिलनी थी। इंस्पेक्टर आनंद कुमार ने यह लाभ दिलाने के लिए 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसकी शिकायत तीन दिन पहले निशांत चौधरी ने सहारनपुर एंटी करप्शन थाने में की थी।
टीम ने जांच पड़ताल के बाद जाल बिछाया और मंगलवार को निशांत चौधरी को रंग लगा कर 15 हजार रुपये देकर इंस्पेक्टर आनंद कुमार के पास भेजा। निशांत चौधरी ने आनंद को कुछ दस्तावेज देते हुए रुपये भी देने की कोशिश की। आनंद ने कार्यालय में रुपये नहीं लिए। वह निशांत चौधरी को कार्यालय के बाहर सड़क पार कराकर फोटो स्टेट की दुकान पर ले गया और वहां रुपये ले लिए। तभी एंटी करप्शन टीम ने आनंद कुमार को रिश्वत के 15 हजार रुपये सहित पकड़ लिया। उसे सिविल लाइन थाने ले जाया गया, जहां मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।
सहायक निदेशक ने मंगाए थे रुपये
एंटी करप्शन टीम के प्रभारी सुभाष चंद ने बताया कि गिरफ्तार आनंद कुमार से 15 हजार रुपये बरामद हुए हैं। उसने अपने बयान में बताया है कि यह रुपये विभागीय सहायक निदेशक राजे लाल ने मंगाए थे। आनंद कुमार के इस बयान के आधार पर सहायक निदेशक को भी मुकदमे में आरोपी बना लिया गया है। सहायक निदेशक राजे लाल मंगलवार को गैर जनपद किसी बैठक में शामिल होने के लिए गए थे। दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।