उत्तराखंड के जंगलों में आग लगाना नहीं होगा आसान, जेल में कटेगी रात; धामी सरकार का सख्त ऐक्शन

It will not be easy to set fire in the forests of Uttarakhand, you will spend the night in jail; Strict action by Dhami government
It will not be easy to set fire in the forests of Uttarakhand, you will spend the night in jail; Strict action by Dhami government
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देहरादून: पुष्कर सिंह धामी सरकार अब जंगलों में आग लगाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने जा रही है। मुख्य सचिव(सीएस) राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को जंगलों में आग लगाने वालों को जेल में डालने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश के बाद मुख्य सचिव रतूड़ी ने मंगलवार को सचिवालय में वनाग्नि प्रबंधन को लेकर बैठक की। इस दौरान आग लगाने वाले लोगों को खिलाफ तत्काल आईपीसी और फॉरेस्ट ऐक्ट में मुकदमा दर्ज कर उसका अपडेट हर दिन देने को कहा। अफसरों ने जानकारी दी कि जंगलों में आग की ज्यादातर घटनाएं मानव जनित हैं।

कई स्थानों पर असामाजिक तत्व भी सक्रिय हैं, ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जितने भी क्रू स्टेशन हैं, वन विभाग के अफसर हर वक्त वहां पानी की उपलब्धता रखें। उन्होंने जिला प्रशासन, पुलिस और वन विभाग के अफसरों को समन्वय बनाने के निर्देश दिए।

आग बुझाने वाले होंगे सम्मानित
डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि जहां जंगलों में आग की घटनाएं लगातार हो रही हैं, वहां असामाजिक लोगों को चिह्नित करें। जिन गांवों के समीप के जंगलों में आग नहीं लगी है, अथवा जो आग बुझाने में मदद कर रहे हैं, उन्हें सम्मानित किया जाए। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, पीसीसीएफ अनूप मलिक आदि मौजूद रहे। जबकि डीएम, पुलिस कप्तान और डीएफओ वर्चुअल शामिल हुए।

सीएफ और सीसीएफ नियमित रिपोर्ट देंगे
फील्ड में प्रभागीय वनाधिकारी जंगलों की आग पर प्रभावी रोकथाम के लिए क्या-क्या कदम उठा रहे हैं, वन संरक्षक और मुख्य वन संरक्षक इसकी प्रतिदिन अपडेट देंगे। लापरवाह डीएफओ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ये जिले अति संवेदनशील
पौड़ी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल और टिहरी वनाग्नि के लिहाज से सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं। इनमें 83 स्थान ऐसे हैं, जो अति संवेदनशील, जबकि 250 स्थान संवेदनशील हैं।