जीवन में अपनी बेटी से भूलकर भी न कहें ये 5 बातें!

Never say these 5 things to your daughter in life!
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बेटियां, पिता की लाडली होती है, इसमें कोई दो राय नहीं लेकिन जब बेटी बड़ी होने लगे तो आपको उससे बात करते वक्त कुछ तरह की बातों का ध्यान रखना चाहिए। जी हां, आपकी कही हुई हर बात आपके बच्चों पर असर डालती है और जब बात बेटी की हो तो फिर आपके लिए जरूरी है कि अपने शब्दों के चयन पर सावधानी बरतें क्योंकि ये आपकी बच्ची पर नेगेटिव प्रभाव डालने का काम करती है। अगर आप भी एक ऐसी बेटी के पिता है, जो बढ़ती उम्र में है तो आप उससे भूलकर भी ये बातें न कहें। आइए जानते हैं कौन सी 5 बातें आपकी बेटी के भविष्य को बिगाड़ सकती हैं।

1-भाई जैसी क्यों नहीं हो
आपको इस बात का ख्याल रखना है कि कभी भी लड़कों से लड़कियों की तुलना नहीं करनी है। आप अपनी बेटी से ये भूलकर भी न कहें कि तुम क्यों अपने भाई जैसी नहीं बन सकती हो। ये बात आपकी बेटी को अंदर से परेशान कर सकती है और उसके अंदर हीन भावना पैदा करती है। इसलिए ये बात अपनी बेटी से बिल्कुल भी न कहें।

2-घार के काम आने चाहिए
अगर आप अपनी बेटी से प्यार करते हैं तो भूलकर भी उससे ये न कहें कि तुम एक लड़की हो और तुम्हें घर के सारे काम आने चाहिए। दरअसल आपकी कही ये बात आपके बच्ची के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने का काम करती है। आपकी बच्ची के अंदर हीन भावना का भाव पैदा हो सकता है, जो उसके भावनात्मक विकास के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है।

3-ज्यादा मत खाओ
बेटे को खूब खाना चाहिए और बेटियों को नहीं। अगर आप भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं तो आप बिल्कुल गलत हैं। जी हां, दरअसल अपनी बेटियों से ये कहना है कि ज्यादा मत खाओ मोटी हो जाओगी ये आपकी बेटी के मानसिक स्वास्थ्य को परेशान करने का काम करता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी बेटी से ये बात बिल्कुल भी न कहें।

4-हंसती रहों
हंसना एक नैचुरल प्रोसेस है लेकिन अपनी बेटी से ये कहना है कि हंसों नहीं तो लोग तुम्हें पसंद नहीं करेंगे ये आपकी गलतफहमीसाबित हो सकती है। ये बात आपको अपनी बेटी से नहीं बोलनी चाहिए क्योंकि बिना किसी बात पर हंसना लोगों के सामने आपको हंसी का पात्र बना सकता है। इसलिए ये बात अपने बेटी से कभी न कहें।

5-लड़कियों की तरह रहों
ये बात हर घर में लड़कियों को बोली जाती है कि तुम्हें लड़कियों की तरह ही रहना चाहिए। आप ये गलती न करें कि अपनी बेटी को लड़कियों की तरह रहने को कहें। उन्हें उनकी आजादी दें और जो उन्हें अच्छा लगे वो करने दें। बेटे को छूट देकर बेटियों की आजादी देना उनके मन में आपके लिए नेगेटिव विचार पैदा कर सकता है। इसलिए ये गलती न करें।