नीतीश कुमार ने छुए पीएम मोदी के पैर! तेजस्वी बोले- मैं आज शर्मिंदा हूं, इतने बुजुर्ग होकर… कुछ तो मजबूरी होगी

Nitish Kumar touched PM Modi's feet! Tejashwi said - I am embarrassed today, being so old... there must be some compulsion
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पटना: बिहार में एक रैली के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अस्थिर व्यवहार को लेकर सुर्खियों में आने के बाद विपक्षियों ने उनके ‘मानसिक स्वास्थ्य’ पर सवाल खड़े कर दिए। जनता दल यूनाइनेट (जद-यू) प्रमुख नीतीश कुमार रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एक रैली में भाग लेने के लिए नवादा जिले में थे। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से नीतीश कुमार ने सार्वजनिक तौर पर दूसरी बार किसी कार्यक्रम में हिस्सा लिया है। इससे पहले वो गुरुवार को जमुई में प्रधानमंत्री की एक और रैली में नजर आए थे।

नीतीश कुमार पीएम के अभिवादन में पैरों की ओर झुकते नजर आए

नवादा रैली के कुछ वीडियो वायरल हो गए और कुमार का नाम सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर ‘ट्रेंड’ होने लगा। वायरल हुए वीडियो में से एक में नीतीश कुमार प्रधानमंत्री का अभिवादन करने से पहले हाथ फैलाकर उनके पैरों की ओर झुकते हुए नजर आ रहे हैं। एक अन्य वीडियो में नीतीश कुमार को खुद को सही करने से पहले ‘चार लाख और प्रधानमंत्री की ओर मुड़कर चार हजार से भी ज्यादा’ कहते दिख रहे हैं। शायद वह आम चुनाव में 400 से अधिक सीट जीतने की कामना कर रहे थे।

कई मौके पर जुबान फिसलने के कारण नीतीश सुर्खियों में रहे

सबसे लंबे समय तक बिहार के मुख्यमंत्री रहने वाले नीतीश कुमार की उम्र 70 साल से अधिक है और हाल के दिनों में कुछ मौकों पर जुबान फिसलने के कारण भी वह सुर्खियों में रहे। नीतीश कुमार की पार्टी जद-यू के साथ सत्ता साझा कर चुके राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्हें अपने पूर्व बॉस के आचरण पर ‘पीड़ा’ हुई।

तेजस्वी यादव बोले- तस्वीर देखकर दंग हूं

उन्होंने कहा – ‘मैं एक तस्वीर देखकर दंग रह गया जिसमें नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पैर छूते हुए देखा जा सकता है। वह इतने वरिष्ठ हैं। इतने लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं। उनके कुछ ही समकक्षों का इतना लंबा कार्यकाल रहा है।’ तेजस्वी ने कहा- ‘क्या नरेन्द्र मोदी वही व्यक्ति नहीं हैं जिन पर नीतीश जी अक्सर अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी की ओर से अपनाए गए मैत्रीपूर्ण मार्ग से भटकने का आरोप लगाते थे। क्या उन्होंने उस रात्रिभोज को रद्द नहीं किया था जिसमें तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया गया था और पश्चिमी राज्य द्वारा दी गई वित्तीय सहायता (बिहार में आपदा को लेकर) लौटा दी थी।’ वे नीतीश कुमार और मोदी के बीच की उस चर्चित प्रतिद्वंद्विता का जिक्र कर रहे थे, जिसके कारण बिहार के मुख्यमंत्री ने पहली बार भाजपा से नाता तोड़ लिया था। उस समय उनके तत्कालीन गुजरात समकक्ष का राष्ट्रीय राजनीतिक मंच पर उभरना अपरिहार्य लग रहा था।

नीतीश कुमार को सार्वजनिक मंचों पर लिखित स्क्रिप्ट पढ़ने की सलाह

बिहार में राजद के साथ विपक्षी महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख राजेश राठौड़ ने कहा कि जदयू को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नीतीश कुमार सार्वजनिक मंचों पर एक लिखित स्क्रिप्ट पढ़ें, न कि 4000 से अधिक लोकसभा सीट जैसे बयानों के साथ पूरे बिहार को शर्मिंदा करें। उन्होंने कहा कि राजनीति में मोदी के वरिष्ठ होने के बावजूद भले ही यह सब अनजाने में हुआ हो, लेकिन यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि बिहार के मुख्यमंत्री का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है।

गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने की बात पर भी बना था मजाक

राजद ने इससे पहले नीतीश कुमार की उस तस्वीर के लिए आलोचना की थी जिसमें वह वर्ष 2022 में योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के अवसर पर आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री के सामने झुकते हुए नजर आए थे। अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में काम कर चुके नीतीश कुमार ने एक समारोह में कहा कि उनके पास केंद्र में गृह विभाग था, जबकि यह विभाग राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सत्ता में रहने के दौरान आडवाणी के पास था। उस समय बिहार में विपक्ष में रही भाजपा ने उनका उपहास करते हुए आरोप लगाया था कि उनपर बुढ़ापे का असर दिखने लगा है।