’65 विधायक पायलट को CM बनाने को तैयार नहीं’, विधायक दल की मीटिंग से पहले हुई गहलोत कैंप की बैठक

'65 MLAs are not ready to make Pilot the CM', Gehlot camp meeting held before the meeting of the legislature party
'65 MLAs are not ready to make Pilot the CM', Gehlot camp meeting held before the meeting of the legislature party
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Rajasthan Politics: राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाओं के बीच कांग्रेस (Congress) ने आज विधायक दल की बैठक बुलाई है. इससे पहले सचिन पायलट (Sachin Pilot) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के करीबी मंत्री शांति धारीवाल के घर पर गहलोत गुट के विधायकों की बैठक हुई है. मंत्री शांति धारीवाल के घर पर करीब 65 विधायकों का जमावड़ा रहा.

इनमें डेढ़ दर्जन से ज़्यादा मंत्री शामिल थे. सूत्रों के मुताबिक, ये तमाम विधायक, मंत्री पर्यवेक्षकों के सामने आलाकमान से तय नाम पर सहमत नहीं होंगे बल्कि अन्य विधायकों में से किसी को भी सीएम बनाने की पैरवी करेंगे यानी सचिन पायलट का नाम इन्हें मंजूर नहीं है. सचिन के नाम पर गहलोत खेमा बगावत पर उतर चुका है.

विधायक दल की मीटिंग में हुई देरी

इस बैठक के कारण विधायक दल की मीटिंग में देरी हुई है. अशोक गहलोत अभी घर से निकले हैं और अब खड़गे और अजय माकन से मिलने के लिए होटल जायेंगे. उसके बाद तीनों नेता सीएम आवास जायेंगे. विधायक दल की मीटिंग 7.30 बजे से हो सकती है. कांग्रेस अध्यक्ष ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को जयपुर में होने वाली इस विधायक दल की बैठक के लिए ऑब्जर्वर और इंचार्ज बनाया है.

क्या चाहते हैं गहलोत कैंप के विधायक?

धारीवाल के आवास पर मौजूद 65 विधायक चाहते हैं कि यदि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में केंद्र में जाते हैं और सीएम के रूप में इस्तीफा देते हैं तो उनकी जगह नया सीएम केवल उन 102 विधायकों में से बनाया जाए जो सचिन पायलट की सरकार गिराने की कोशिश के दौरान कांग्रेस नेतृत्व के साथ खड़े थे.

जयपुर में होने वाली सीएलपी बैठक पर कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि अगर सभी 101 विधायक सीएलपी की बैठक में शामिल नहीं हुए तो क्या सरकार बहुमत नहीं खो देगी? मैं इस बैठक में शामिल नहीं हो रहा हूं. मेरे घर पर विधायक मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस (Congress) हाईकमान के फैसले के साथ होंगे. राजेंद्र सिंह गुढ़ा साल 2020 में कांग्रेस संकट के दौरान अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के साथ थे.