मीटिंग के बहाने तैनाती स्थल छोड़कर घर में मौज नहीं उड़ा सकेंगे अफसर, जानें हरियाणा सरकार का आदेश

Officers will not be able to have fun at home leaving the place of posting on the pretext of meeting, know the order of the Haryana government
Officers will not be able to have fun at home leaving the place of posting on the pretext of meeting, know the order of the Haryana government
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चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने जिलों में तैनात अधिकारियों के प्रति सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से रोजाना जनता दरबार लगाए जाने के आदेशों के बाद सोमवार को मुख्य सचिव ने एक आदेश जारी करके सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बगैर किसी पूर्व सूचना के अपना कार्यक्षेत्र नहीं छोड़ें। असल में हरियाणा में बहुत से जिले ऐसे हैं, जहां के भीतरी स्टेशनों पर तैनात अधिकारी अक्सर बैठकों या अन्य कार्यों का हवाला देकर अपने घरों में आ जाते थे। प्रदेश के जिलों में तैनात बहुत से अधिकारियों के परिवार चंडीगढ़ और पंचकूला में रहते हैं।

अधिकारियों की गैरहाजिरी का खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ता था। मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले ही अधिकारियों को रोजाना 11 बजे से दोपहर एक बजे तक जनता दरबार लगाने और मंगलवार को नो मीटिंग डे रखने के निर्देश दिए थे।

मुख्य सचिव के आदेश में क्या?
सोमवार को हरियाणा के मुख्य सचिव की तरफ से जारी आदेशों में किसी भी संवेदनशील स्थिति में जिले में कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए तैनात सभी फील्ड अधिकारियों यानी उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और उपमंडल अधिकारी (नागरिक) को पूर्व अनुमोदित टूर कार्यक्रम के अलावा अपना कार्यक्षेत्र न छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।

अनुशासनात्मक कार्रवाई
इसके अलावा, कानून-व्यवस्था से संबंधित किसी घटना के मामले में उक्त परिस्थितियों के मद्देनजर वरिष्ठ अधिकारियों को उनके अतिरिक्त प्रभार के स्वीकृत टूर कार्यक्रमों पर जाने में उनकी असमर्थता के बारे में सूचित किया जा सकता है। मुख्य सचिव की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार राज्य सरकार ने उत्तरदायित्वों में किसी भी प्रकार की कोताही को गंभीरता से लिया है और अधिकारियों को पुन: इन निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। किसी भी चूक के मामले में दोषी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

विश्वविद्यालयों से ही करवाए जाएंगे अध्ययन और सर्वे
हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि सरकारी विभागों की ओर से अध्ययन, सर्वेक्षण और परामर्श कार्य सौंपने के लिए प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से सोमवार को इस संबंध में एक पत्र जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि डिलिवरेबल्स और जरूरी आवश्यकताओं की बारीकी से निगरानी की जानी चाहिए और भविष्य के लिए रिपोर्ट या सर्वेक्षण के प्रदर्शन या गुणवत्ता का भी मूल्यांकन किया जाना चाहिए। सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्डों एवं निगमों के मुख्य प्रशासकों एवं प्रबंध निदेशकों को इन निर्देशों का अनुपालन करने के निर्देश दिए गए हैं।