मध्य प्रदेश में उमा भारती एक्शन मोड पर, शराब की दुकान पर की तोड़फोड़, सरकार पर साधा निशाना

On Uma Bharti action mode in Madhya Pradesh, liquor shop vandalized, targeted government
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भोपाल: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर फिर एक्शन मोड पर नजर आई। उमा भारती सोमवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शराब की दुकानों पर पहुंच गईं और जमकर हंगामा किया। भोपाल के अयोध्या बायपास इलाके के हनुमान और दुर्गा मंदिर के पास स्थित शराब की दुकान पर पहुंची थी। जहां इन दुकानों पर पहुंचकर जमकर हंगामा किया।

दरअसल उमा भारती के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक और महिलाएं मौजूद थी। महिलाओं ने शराब की दुकानों में तोड़फोड़ भी की। उमा भारती ने दुकान के मैनेजर को शराब के दुष्प्रभाव बताए और जमकर खरी-खोटी सुनाते हुए उसे शराबबंदी के लिए अपनी मुहिम में मदद करने की नसीहत दी। उमा भारती मंदिर के पास कुर्सी जमा कर बैठ गई। उमा भारती जहां थीं, वहां से थोड़ी ही दूरी पर शराब की दुकान थी जहां पहुंचकर उन्होंने जमकर हंगामा किया।

वहीं उमा भारती के साथ पहुंचे लोगों ने शराब की दुकान के पास बने अहाते में लगी नेट निकाल दी और फ्लैक्स बोर्ड फेंक दिया। उमा भारती ने शराब दुकान के मैनेजर को बुलवाया और उसे जमकर खरी-खोटी सुनाई और उससे भी अपने साथ शराबबंदी की मुहिम में शामिल होने की नसीहत दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि इस दुकान पर पहले ही चाहती थी लेकिन पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मध्य प्रदेश में थे जिसकी वजह से नहीं आई।

उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीने से सरकार से ये मांग कर रही हूं कि ये दुकान बंद की जाए। सितंबर में ये दुकान बंद हुई भी तो तीन दिन बाद ही स्टे आ गया। उमा ने अपनी ही पार्टी की सरकार पर आरोप लगाया कि दुकान वाले को इतना समय दे दिया गया कि वो स्टे ले आया। उन्होंने शराब माफिया के हमले की आशंका जताई। उन्होंने कहा कि शराब की दुकान खुलने का का विरोध करने वाले हर जाति-धर्म के लोग हैं।

शराब की दुकान का विरोध करने वालों की संख्या ज्यादा है लेकिन दुकान चलाने वालों के पास सत्ता की शक्ति है। सत्ता ने जो शक्ति शराब की दुकान चलाने वालों को दी है, वह उनसे वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने भाजपा को घेरते हुए कहा कि दिल्ली में हमारी पार्टी के लोग शराब के मसले पर दिल्ली सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और मंदिर के सामने शराब की दुकान खोले जाने के विरोध में भी सड़क पर उतरे हैं। इसलिए अगर यहां आंदोलन कर रहे है तो वे भी जायज काम कहलाएगा।