समरकंद: उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित शंघाई को-ऑपरेशन संगठन (SCO) सम्मेलन से अलग रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की। इस मीटिंग के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शबहाज शरीफ के लिए एक फजीहत वाला मौका सामने आया, जिसके कारण वह पुतिन के सामने ही मदद मांगते नजर आए। शहबाज शरीफ के कान पर लगा ट्रांसलेटर बार-बार गिर जा रहा था, जिसके बाद उन्होंने कहा ‘क्या कोई मेरी मदद करेगा?’ पाकिस्तानी मीडिया में और सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस पर चुटकी ली है।
दरअसल पुतिन और शरीफ की मीटिंग होनी थी। दोनों नेता बातचीत के लिए आमने-सामने बैठे थे। क्योंकि पुतिन रूसी भाषा बोलते और समझते हैं इसलिए ट्रांसलेटर की जरूरत होती है। पुतिन ने तुरंत अपने कान पर ट्रांसलेटर लगा लिया और बोलने लगे। लेकिन इस दौरान शहबाज शरीफ का ट्रांसलेटर उनके कान से गिर गया। उन्होंने कई बार लगाने की कोशिश की लेकिन वह ट्रांसलेटर को अपने कानों से नहीं लगा सके।
शहबाज ने मांगी मदद
जब शहबाज शरीफ के लिए कान पर ट्रांसलेटर लगाना मुश्किल हो गया तो उन्होंने कहा ‘क्या कोई मेरी मदद करेगा?’ इस दौरान पाकिस्तानी सेना का एक अफसर शरीफ के पास गया और उनके कान पर ट्रांसलेटर लगाया। रूसी राष्ट्रपति जैसे ही फिर बोलने चले शरीफ का ट्रांसलेटर फिर गिर गया, जिसके बाद पुतिन ने अपने कान से ट्रांसलेटर निकाल कर सेना के अफसर को इशारा कर दिखाना चाहा कि मशीन को लगाने का सही तरीका क्या है। दूसरी बार में उनका ट्रांसलेटर लग पाया।
क्या हुई बातचीत
शहबाज शरीफ और पुतिन के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई। लेकिन पाकिस्तान तक गैस पाइपलाइन एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा। पुतिन ने कहा कि पाइपलाइन के जरिए पाकिस्तान तक गैस की सप्लाई संभव है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जरूरी आधारभूत संरचना पहले से ही तैयार है।