राजस्थान बिजली संकट में भी राजनीति! चुनाव वाले जिलों में नहीं होगी कटौती

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जयपुर। कोयले की कमी के चलते पूरा प्रदेश बिजली संकट से जूझ रहा है । एक ओर जहां केंद्र सरकार कोयला का संकट नहीं होने की बात कह रही है। वहीं राजस्थान की सरकार कोयला संकट की बात कहते हुए केंद्र सरकार से कोयला सप्लाई की मांग कर रही है। कोयला की कमी के चलते आए बिजली संकट को देखते हुए राजस्थान सरकार ने प्रदेश भर में अघोषित बिजली कटौती करना शुरू कर दिया है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है, लेकिन यह अघोषित बिजली कटौती भी भेदभाव पूर्ण तरीके से हो रही है।

अलवर और धौलपुर नगरपालिका क्षेत्रों में कटौती नहीं
जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एक आदेश पर नजर डालें ,तो विद्युत संकट को देखते हुए सभी जिला मुख्यालयों वह नगरपालिका क्षेत्रों में भी बिजली कटौती के आदेश जारी किए गए हैं , जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कई दिन से बिजली की अघोषित कटौती हो रही है। यह आदेश 8 अक्टूबर का है ,लेकिन इस आदेश को जब गौर से पढ़ा तो पता चला कि अलवर और धौलपुर के नगरपालिका क्षेत्रों में बिजली कटौती नहीं होगी।

इस आदेश में स्पष्ट लिखा हुआ है कि सभी जिला मुख्यालय एवं अलवर व धौलपुर सर्किल के नगरपालिका क्षेत्रों के अलावा सभी नगर पालिका क्षेत्रों में दिन के समय 1 घंटे की संभावित विद्युत कटौती ऊर्जा प्रबंधन के हिसाब से करवाना सुनिश्चित करें। इसके बाद सभी नगर पालिका क्षेत्रों में विद्युत कटौती का समय भी जारी किया गया है, लेकिन इस आदेश में अलवर और धौलपुर जिलों की नगर पालिकाओं व जिला मुख्यालय पर बिजली कटौती से संबंध में कोई समय जारी नहीं किया गया है और इन जिलों की नगर पालिकाओं में कटौती नहीं करने के लिए भी आदेश जारी हुआ है।

वोट बैंक कटने का डर
अब ये सवाल उठ रहा है कि जब पूरे राजस्थान में बिजली संकट है। साथ ही सभी जिलों में अघोषित बिजली कटौती हो रही है ,तो भला अलवर और धौलपुर में क्यों नहीं। जानकारों की मानें, तो इसके पीछे कारण यह है कि इन दिनों अलवर और भरतपुर में पंचायत चुनाव का शोर है। नामांकन प्रक्रिया हो चुकी है और मतदान होने वाला है। ऐसे में मतदान से पूर्व अघोषित बिजली कटौती से कही वोट बैंक खिसक नहीं जाए और सत्तारूढ कांग्रेस को करारी हार नहीं मिल जाए।

इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इन दो जिलों में बिजली कटौती का आदेश जारी नहीं किया है। इधर ऐसे में जिन क्षेत्रों में चुनाव नहीं है वहां की जनता बिजली संकट से जूझ रही है और सरकार को कोस रही है । वहीं जिन क्षेत्रों में चुनाव है वहां की जनता को यह पता ही नहीं है कि प्रदेश में कोई बिजली संकट भी आया हुआ है।