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नई दिल्ली: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने अपने विदेश यात्रा की शर्तों के उल्लंघन को लेकर बुधवार को कोर्ट में माफी की पेशकश की। उन्होंने कहा कि विदेश यात्रा के उनके आवेदन में गलती से एक शब्द बदल गया था। कोर्ट के सामने दाखिल एक हलफनामे में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि उन्होंने अनजाने में यह गलती की है और ‘दुबई के लिए’ लिखने के बजाय उन्होंने यात्रा की अनुमति लेने वाले अपने आवेदन में ‘दुबई के जरिए’ से लिखा। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू किए जाने की याचना की है। कोर्ट ने अपना फैसला गुरुवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा द्वारा दिए गए इस स्पष्टीकरण को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि वह इस साल अगस्त में एक मेडिकल इमरजेंसी के लिए दुबई में रुके थे। उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया कि अदालत में जमा उनकी एफडी क्यों न जब्त कर ली जाए।
12 अगस्त को दिल्ली की एक अदालत ने रॉबर्ट वाड्रा को चार सप्ताह के लिए यूएई, स्पेन और इटली के रास्ते ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति दी थी। यात्रा से पहले, उन्होंने यात्रा के स्थानों, उड़ान टिकटों और ठहरने के स्थानों के पते का पूरा विवरण देते हुए आवेदन के साथ एक हलफनामा कोर्ट में दाखिल किया था।
वाड्रा के वकीलों ने कहा- पैर में DVT होने की वजह से उन्हें दुबई में रुकना पड़ा
उनके वकीलों ने अदालत को बताया था कि वाड्रा “अपनी आगे की यात्रा शुरू करने से पहले यूएई में रहे, क्योंकि उनके बाएं पैर में डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) था और उन्हें लंबी दूरी की उड़ानों के बीच उचित आराम करने की सलाह दी गई थी।” यात्रा के दौरान, चूंकि उनके बाएं पैर में सूजन और दर्द था, इसलिए उन्हें 27 अगस्त को दुबई में यात्रियों की मेडिकल इमरजेंसी के लिए बने एलजीए मेडिकल फैसिलिटेशन सेंटर में रुकना पड़ा और मेडिकल सलाह लेनी पड़ी, जहां उन्हें आगे इलाज की सलाह दी गई।
वाड्रा के वकीलों ने तर्क दिया, “यूके की उक्त यात्रा के दौरान संयुक्त अरब अमीरात में उनका रुकना किसी भी शर्त का उल्लंघन करने के इरादे से नहीं था और न ही गुमराह करने का कोई प्रयास था, बल्कि मेडिकल संबंधी जरूरतों के कारण था।”