
- हिमाचल में आपदा के बीच CM सुक्खू की मां ने पेश की मिसाल, राहत कोष में दान किए इतने रुपये - September 22, 2023
- दिल्ली सरकार देगी हिमाचल का साथ, राहत कोष से दिए जाएंगे 10 करोड़ रुपये - September 22, 2023
- बिहार में हर दिन 300 स्कूलों की होगी जांच, केके पाठक का नया आदेश - September 22, 2023
सोनीपत: हरियाणा में रुक रुक बारिश का दौर चल रहा है। सुबह साढ़े पांच बजे बूंदाबांदी शुरू हाे गइ थी। आसमान बादलों से ढ़का है। अंबाला, फतेहाबाद, सिरसा के कुछ क्षेत्रों में बारिश दर्ज हुई है, वहीं शेष जिलों में भी बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने पौने 10 बजे के जारी बुलेटिन में 7 जिलों में अगले 2 या 3 घंटे के दौरान 30-40 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलने और अलग-अलग क्षेत्र में बारिश का अलर्ट जारी किया है। रात के तापमान में औसतन 0.5 डिग्री की गिरावट आई है।
प्रदेश के कई जिलों में कुछेक क्षेत्रों में सुबह के समय बारिश की गतिविधि दर्ज की गई है। 24 घंटे के दौरान प्रदेश के 9 सेंटरों पर बूंदाबांदी का डाटा मौसम विभाग ने जारी किया है। इसमें अंबाला, फतेहाबाद और हिसार में अच्छी बारिश हुई है, वहीं अन्य स्थानों पर बूंदाबांदी ही हुई। किसान भयभीत हैं कि कहीं खड़ी फसलों पर ओले न गिर जाएं। 20 मार्च तक ऐसा ही मौसम रहने की उम्मीद है।
IMD चंडीगढ़ की ओर से 9:40 बजे अल्प अवधि के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी किया गया। अगले 3 घंटों के दौरान हरियाणा के कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, कैथल, जींद व रेाहतक जिलों व आसपास के क्षेत्रों में 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलेगी। गरज चमक के साथ कहीं कहीं हल्की बारिश की संभावना है।
इससे पहले सुबह 5:30 और साढ़े 8 बजे भी इसी प्रकार के अलर्ट अलग-अलग जिलों के लिए मौसम विभाग जारी कर चुका है। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर तेज हवाओं के साथ तेज बारिश हुई है। पश्चिमी विक्षोभ का असर वर्तमान में पूरे हरियाणा में ही दिखाई दे रहा है। आसमान पर बादल छाए हैं। माहौल ऐसा है कि कुछेक समय में बारिश शुरू हो सकती है। बारिश अलग अलग क्षेत्रों में रुक रुक कर हो भी रही है।
आगे भी मौसम रहेगा खराब
22 मार्च के आसपास भी उत्तर भारत मे नया सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (WD) दस्तक दे सकता है। इसके कारण उत्तर भारत के विभिन्न इलाकों में आंधी के साथ हल्की से मध्यम बरसात व ओलावृष्टि की गतिविधियों के होने की उम्मीद है।
फसलों में नुकसान की संभावना
मौसम में आए बदलाव का खेतों में पक कर तैयार खड़ी फसलों में भी बुरे असर की संभावना बनी हुई है। सरसों की जहां कटाई व झराई चल रही है और फसल मंडियों में भी सरकारी खरीद के इंतजार में है। वहीं गेहूं की फसल भी अब पक रही है और अंतिम स्टेज पर है। ऐसे में ओलों व बारिश से इन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
किसान ये रखें ध्यान
कृषि व मौसम विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे गेहूं की फसल में सिंचाई, उर्वरक और कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल फिलहाल कुछ समय के लिए स्थगित रखें। फसल की कटाई ना करें और कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थान पर रखें। इस दौरान तापमान में 4 डिग्री के आसपास गिरावट देखने को मिलेगी।