नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि के लिए दिए जाने वाले लघु अवधि के तीन लाख रुपये तक के लोन पर डेढ़ प्रतिशत ब्याज सहायता को मंजूरी दी है. इसके तहत तीन लाख रुपये तक का लोन लेने वाले किसानों को ब्याज में 1.5 फीसदी की छूट मिलेगी. सरकार का कहना है कि कृषि क्षेत्र में पर्याप्त कर्ज उपलब्ध कराने के लिए यह फैसला लिया गया है. इसके अलावा सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है.
Galaxy Z Fold 4 की कीमत, प्राइस जान रह जाएं दंग
ब्याज सहायता योजना के तहत कर्ज देने वाले संस्थानों मसलन, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, छोटे वित्त बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और कंप्यूटरीकृत प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को वित्त वर्ष 2022-23 से 2024-25 के लिए किसानों को दिए गए तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कर्ज के एवज में 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता दी जाएगी. एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “ब्याज सहायता के तहत 2022-23 से 2024-25 की अवधि के लिए 34,856 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय प्रावधान की आवश्यकता होगी.”
Vivo V25 Pro लॉन्च, बैक पैनल बदलता है रंग, जानें कीमत
किसानों को होगा लाभ
ब्याज सहायता में वृद्धि से कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह बना रहेगा और साथ ही वित्तीय संस्थानों की वित्तीय सेहत और कर्ज को लेकर व्यवहार्यता सुनिश्चित होगी. समय पर कर्ज भुगतान करने पर किसानों को चार प्रतिशत ब्याज पर लघु अवधि का ऋण मिलता रहेगा.
Arjun Kapoor बोलेः Boycott करने वालों की इतनी हिम्मत, मैं उनकी…
इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की सीमा बढ़ी
सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत खर्च को और 50,000 करोड़ रुपये बढ़ा दिया है. अब इस योजना के तहत क्रेडिट की कुल सीमा पांच लाख करोड़ रुपये हो गई है. यह फैसला भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. इससे होटल एवं संबंधित क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा.
Ananya-Vijay Deverakonda कर रहे डेट, चुनरी देकर मां ने दिया आशीर्वाद
बजट में रखा गया था प्रस्ताव
आम बजट 2022-23 में कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित होटल और संबंधित क्षेत्रों की मदद के लिए ईसीएलजीएस की सीमा 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव था. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल के लिए गए विभिन्न फैसलों के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि होटल और संबंधित क्षेत्रों में महामारी के चलते गंभीर व्यवधानों के कारण राशि में वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि ईसीएलजीएस के तहत पांच अगस्त 2022 तक लगभग 3.67 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं.