’21वीं सदी के कौरव हैं RSS वाले’, कुरुक्षेत्र में गरजे राहुल, संघ को जमकर सुनाई खरी-खरी

RSS people are the Kauravas of the 21st century, Rahul roared in Kurukshetra, lashed out at the Sangh
RSS people are the Kauravas of the 21st century, Rahul roared in Kurukshetra, lashed out at the Sangh
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Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS पर हमला बोला. राहुल गांधी ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आरएसएस के लोगों को 21वीं सदी का कौरव बताया. राहुल गांधी ने बयान में कहा, ’21वीं सदी के कौरव खाकी हाफ-पैंट पहनते हैं और शाखाएं चलाते हैं. उनके पीछे देश के 2-3 अमीर लोग खड़े हैं.’ राहुल ने आगे कहा, ‘आरएसएस के लोग कभी हर-हर महादेव के नारे नहीं लगाते क्योंकि भगवान शिव तपस्वी थे और ये लोग भारत की तपस्या पर हमला कर रहे हैं. इन लोगों ने जय सिया राम में से माता सीता को ही हटा दिया. ये लोग भारत की संस्कृति के खिलाफ काम कर रहे हैं.’ राहुल गांधी ने कहा, पांडवों ने कभी किसी का बुरा नहीं किया था. हमारी भारत जोड़ो यात्रा में किसी का धर्म नहीं पूछा गया.

RSS को राहुल ने जमकर सुनाई खरी-खरी
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इस समय कुरुक्षेत्र में है. रविवार को उन्होंने कहा था, ‘भारत जोड़ो यात्रा समाज में फैलाई जा रही नफरत और भय के साथ-साथ बेरोजगारी-महंगाई के खिलाफ है. गांधी ने कहा, हम इसे तपस्या के रूप में देख रहे हैं. कांग्रेस ‘तपस्या’ में विश्वास करती है जबकि भाजपा पूजा का संगठन है. राहुल ने कहा था कि बीजेपी और आरएसएस ‘तपस्या’ का सम्मान नहीं करते, बल्कि वे चाहते हैं कि उनकी ‘पूजा’ करने वाले लोगों का ही सम्मान हो. एक सवाल के जवाब में गांधी ने कहा था, ‘एक बात जो मैंने समझी है वह यह है कि यह लड़ाई असल में राजनीतिक नहीं है, सतही तौर पर यह राजनीतिक लड़ाई है. जब हम बसपा या टीआरएस से लड़ते हैं तो यह राजनीतिक मुकाबला होता है. लेकिन देश में बदलाव आया है.’

‘अब राजनीतिक नहीं रही लड़ाई’
राहुल ने कहा था, ‘जिस दिन आरएसएस ने इस देश की संस्थाओं को नियंत्रित किया, लड़ाई राजनीतिक नहीं रही. अब यह एक अलग लड़ाई बन गई है. आप इसे विचारधारा की लड़ाई कह सकते हैं, धर्म की लड़ाई कह सकते हैं, या आप इसे कोई रूपरेखा दे सकते हैं, लेकिन यह राजनीतिक लड़ाई नहीं है.’ उन्होंने आगे कहा था, ‘अगर आप कांग्रेस पार्टी के इतिहास को देखें, तो कार्यकर्ताओं में एक ऊर्जा है. यह ‘तपस्या’ से बना एक संगठन है.’ आरएसएस चाहता है कि उनकी जबरन पूजा की जाए.पीएम मोदी यही चाहते हैं, इसलिए वह आपसे (मीडिया) नहीं मिलते कि उनकी जबरन पूजा की जाए और देश के सभी लोग उनकी पूजा करें.