चुनाव से पहले सचिन पायलट की दबाव की राजनीति! निशाने पर सीएम अशोक गहलोत, जाटलैंड में क्यों दिखाई ताकत?

Sachin Pilot's politics of pressure before elections! CM Ashok Gehlot on target, why show strength in Jatland?
Sachin Pilot's politics of pressure before elections! CM Ashok Gehlot on target, why show strength in Jatland?
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बाड़मेर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही एक बार फिर बयानबाजी का दौर तेज होता दिख रहा है. वहीं कांग्रेस खेमे में पिछले 4 साल से चल रही उठापटक का पटाक्षेप फिलहाल होने के कोई आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं जिसका नजराना शनिवार को एक बार फिर बाड़मेर में देखने को मिला जहां राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने एक बार फिर अपना रुख साफ किया. पायलट ने बाड़मेर में हेमाराम चौधरी के बेटे की याद में बने वीरेंद्र धाम के उद्घाटन पर अशोक गहलोत को लेकर फिर अपने तीखे तेवर दिखाए. वहीं पायलट ने पेपर लीक, भ्रष्टाचार के मामलों पर गहलोत को घेरा. इसके अलावा बाड़मेर में 3 मंत्री और 15 विधायकों के साथ मंच साझा कर पायलट ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया.

बता दें कि पश्चिमी राजस्थान जिसे सीएम अशोक गहलोत का गढ़ माना जाता है वहां जाट मतदाता बाहुल्य कई इलाके हैं ऐसे में पायलट ने शनिवार को जाट मतदाताओं को साधने के साथ ही राजपूत वोटर्स को भी संदेश दिया जहां पायलट कार्यक्रम के बाद क्षत्रिय युवक संघ के प्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर से मुलाकात करने पहुंचे. हालांकि पायलट खेमे के विधायकों की ओर से कोई खास राजनीतिक बयानबाजी नहीं की गई.

विधायकों के साथ पायलट ने दिखाई ताकत
दरअसल पायलट के शनिवार को बाड़मेर दौरे पर कार्यक्रम में लगे मंच पर राजस्थान कांग्रेस के कई दिग्गज चेहरे दिखाई दिए जहां मंच पर गहलोत सरकार के 3 मंत्री और 15 विधायक पायलट के साथ बैठे दिखे. वहीं पायलट ने अपने भाषण की शुरूआत में कहा कि आज बाड़मेर में राज्य के हर इलाके से कोई ना कोई आया है जिसको लेकर माना जा रहा है कि पायलट ने फिर एक बार अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है.

इसके अलावा पायलट के साथ मंच पर बाड़मेर के पूर्व सांसद और बीजेपी नेता कर्नल सोनाराम चौधरी भी मौजूद रहे और मंच पर सीएम गहलोत से काफी समय से नाराज चल रहे कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी भी पायलट के साथ नजर आए. हालांकि इस कार्यक्रम में बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, पचपदरा के विधायक मदन प्रजापत और शिव विधायक अमीन खान नदारद रहे जिनकी गौरमौजूदगी भी कार्यक्रम के दौरान चर्चा में रही.

हमलावर रुख, तीखे तेवर लेकिन क्या रणनीति?
वहीं जाट सीएम बनाए जाने की चर्चा के बीच पायलट का पश्चिमी राजस्थान और सीएम गहलोत के गृह जिले जोधपुर से सटे इलाके में जनसभा करना भी कई मायनों में अहम माना जा रहा है. इसके साथ ही मंच पर पायलट ने जाटलैंड में हरीश चौधरी और हेमाराम चौधरी जैसे जाट चेहरों को एक मंच पर लाकर जाट समुदाय में संदेश देने की कोशिश की है. जानकारों का कहना है कि पायलट के साथ गुर्जर समाज का टैग लगा हुआ है लेकिन चुनावों से पहले वह अब जाट और राजपूत समाज को भी भुनाने की कोशिश कर रहे हैं.

इसके अलावा पश्चिम राजस्थान में सीएम गहलोत मजबूत है जहां पायलट ने गहलोत को निशाने पर लेकर और सरकार की कमजोरियों को जनसभा के दौरान गिनाकर कमजोर करने की कोशिश भी की है. जानकारों का मानना है कि पायलट गहलोत के पैठ वालों इलाकों में मजबूती बनाने की रणनीति पर चल रहे हैं.