पांच मिनट पहले बोला था…पापा मुझे लेने आ जाना…फिर ज्योत्सना को ऐसे खींच ले गई मौत

Said five minutes ago... Papa came to pick me up... Then death dragged Jyotsna like this
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किच्छा: उत्तराखंड के सितारगंज में स्कूली बच्चों की बस के दुर्घटनाग्रस्त होने और हादसे में जान गंवाने वाली ज्योत्सना की मौत की सूचना से आजादनगर की सुभाषनगर कॉलोनी में रहने वाले उसके परिजनों में कोहराम मच गया। बिलखते हुए ज्योत्सना की मां सावित्री ने बताया कि दुर्घटना से पांच मिनट पहले उसके पति प्रकाश की ज्योत्सना से फोन पर बात हुई तो बेटी ने बोला था कि ‘पापा 10-20 मिनट में हम पहुंच जाएंगे, घर आने के लिए टुकटुक नहीं मिलेगा इसलिए आप लेने आ जाना।’ सावित्री ने बताया कि फोन आने के पांच-सात मिनट बाद ही बस दुर्घटना की खबर मिली तो ज्योत्सना के पापा कुछ रिश्तेदारों को साथ लेकर बाइक से सितारगंज की ओर दौड़ पड़े।

ज्योत्सना के घर पर मां सावित्री, पिता प्रकाश और छोटा भाई सुखदेव हैं। मां ने बताया कि ज्योत्सना पढ़ाई में काफी तेज थी, उसने पांचवीं तक की शिक्षा नेहरू अकादमी से ली थी। बाद में उसने अपनी कॉलोनी की कई सहेलियों के साथ घर से मात्र डेढ़ किमी दूर स्थित वैद्य राम सुधि सिंह बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रवेश ले लिया था।

सितारगंज में बस हादसा
ज्योत्सना रोज सहेलियों के साथ टुकटुक से स्कूल जाती थी। घर के हालात बहुत अच्छे न होने के बावजूद उसके पिता की इच्छा थी कि उसके दोनों बच्चे अच्छे से पढ़ाई करें। ज्योत्सना की मौत की सूचना से पूरी कॉलोनी में शोक का माहौल है।
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सितारगंज में बस हादसा
आसपास के लोगों ने बताया कि सुभाषनगर कॉलोनी से यह स्कूल पास होने के कारण यहां से 40 से 50 छात्राएं इस स्कूल में पढ़ रही हैं। ज्योत्सना के परिजनों को सांत्वना देने के लिए देर रात उनके घर में लोगों का तांता लगा हुआ था।

किच्छा में स्कूल बस हादसा
वहीं, बस दुर्घटना में जान गंवाने वाली शिक्षिका लता गंगवार 10-15 वर्षों से शिक्षण कार्य में लगी थीं। इससे पहले वह एक अन्य स्कूल में पढ़ाती थीं। देर रात तक परिवार वालों ने लता के निधन की सूचना उनकी मां कांति देवी को नहीं दी थी।
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किच्छा में स्कूल बस हादसा
घर में काफी लोग एकत्र थे। परिजनों ने बताया कि लता की दो बहनों की शादी हो चुकी है। एक भाई अंकित दुबई में नौकरी करता है जबकि दूसरा भाई मोहित अस्वस्थ रहता है। यह परिवार पहले पंजाबी मोहल्ले में रहता था। पिछले कुछ वर्षों से ये लोग पंत कॉलोनी के पास रह रहे हैं।