73 हजार करोड़ के कर्ज के बोझ में दबा उत्तराखंड, श्रीलंका जैसे न हो जाए हालात…

Situation should not become like Uttarakhand, Sri Lanka burdened with debt of 73 thousand crores…
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Uttarakhand News: उत्तराखंड में प्रदेश सरकार ने बेशक ताबड़तोड़ लुभावनी घोषणाएं की हो, लेकिन राज्य की अर्थव्यवस्था कर्ज के ईंधन से ही चल रही है। जिसको लेकर सियासत भी गरमा गई है। बताया जा रहा है कि प्रदेश पर 73 हजार करोड़ का कर्ज है। ये कर्ज बढ़ता ही जा रहा है। ये हाल तब है जब प्रदेश और देश में दोनों पर भाजपा की सरकार है। ऐसे में विपक्ष कर्ज पर आवाज बुलंद की है तो वहीं प्रदेश के श्रीलंका जैसे हालात न हो इसको लेकर चिंता व्यक्त की है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार राज्य सरकार के ही बजट दस्तावेजों से रिपोर्ट में किए गया विश्लेषण बताता है कि 2021-22 तक राज्य सरकार पर 73,477.72 करोड़ रुपये का कर्ज था। अगले पांच वर्ष में अनुमान है कि राज्य सरकार अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए 54,496 करोड़ रुपये का और कर्ज ले सकती है। आर्थिक रूप से कमजोर उत्तराखंड के लिए लगातार कर्ज बढ़ना एक बड़ी चिंता का विषय है। जिसको लेकर भाजपा और विपक्षी दल आमने सामने हैं।

गौरतलब है कि प्रदेश में बजट सत्र शुरू होने वाला है। ऐसे में प्रदेश के कर्ज का मुद्दा उठा है। विपक्षी दल भाजपा सरकार पर पिछले 6 साल के दौरान इस कर्ज को दोगुना करने का आरोप लगा रहे हैं। हर साल कर्ज का एक नया और बड़ा ग्राफ सामने आ रहा है। जिसने राज्य के भविष्य पर बड़े संकट को जाहिर कर दिया है। बजट में सरकार क्या बड़े वादे करती है। राज्य सरकार के कुल राजस्व व्यय यानी कुल बजट का 50 फीसदी वेतन और पेंशन पर खर्च हो रहा है।