कहीं हैंगर तो कहीं रॉड… दुनिया भर की औरतें गर्भपात के लिए अपनाती हैं डरावने तरीके, पढ़कर कांप जायेगी रूह

Somewhere hanger or rod... Women all over the world adopt scary methods for abortion, the soul will tremble after reading
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एक महिला मां बनना चाहती है या नहीं यह उसका निजी फैसला होता है। लेकिन अमेरिका में उनसे उनका हक छीन लिया गया है। जिसकी वजह से महिलाओं का गुस्सा सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ फूटा है। वो सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोग इस कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 24 जून को 1973 में ‘रो बनाम वेड’ फैसले को पलट दिया और महिलाओं से ऑबर्शन का संवैधानिक अधिकार छीन लिया।

हैंगर से करती थी महिलाएं ऑबर्शन
विरोध प्रदर्शन के दौरान कई महिलाएं कोट हैंगर को दिखाकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि कोट हैंगर क्यों दिखाया जा रहा है। दरअसल, कोट हैंगर से एक वक्त पर महिलाएं ऑबर्शन करती थीं। हैंगर को प्रेग्नेंट महिला के प्राइवेट पार्ट में डालकर भ्रूण को निकालने की कोशिश की जाती थी। जिसमें उनकी जान भी चली जाती थी। वाकई यह एक डरावना युग था। हालांकि अब इसे असुरक्षित गर्भपात का प्रतीक माना जाता है।

हैंगर अमेरिका में बना विरोध प्रदर्शन का प्रतीक
अमेरिका में हैंगर से असुरक्षित गर्भपात कराया जाता था। अप्रैल 1969 में हैंगर को विरोध के तौर पर इस्तेमाल किया गया। उस वक्त भी गर्भपात के अधिकार को लेकर प्रदर्शन हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उस वक्त वॉशिंगटन की सड़कों पर 3 लाख के करीब प्रदर्शनकारियों ने गले में हैंगर पहनकर विरोध मार्च निकाला था। जिस पर लिखा था ‘Never Again’ यानी फिर कभी नहीं। इसके बाद साल 2016 में ओहियो राज्य के स्टेट हाउस ने प्रेग्नेंसी के 6 हफ्ते के बाद गर्भपात को गैरकानूनी करार दिया गया था। जिसके विरोध में स्टेट हाउस के दीवार को हैंगर से सजाया गया था।

भारत में असुरक्षित गर्भपात ले लेती है जान
अमेरिका ही नहीं पूरी दुनिया में भी असुरक्षित गर्भपात कराए जाते हैं। हर जगह के तरीके अलग हैं। भारत में वैसे तो हैंगर से ऑबर्शन की खबर समाने नहीं आई है। लेकिन गांव में आज भी दाई से असुरक्षित ऑबर्शन कराए जाते हैं। जिसमें डंडा, रॉड, पेड़ की टहनी का भ्रूण निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कई बार गांव की महिलाएं अनचाही प्रेग्नेंसी से छुटाकार पाने के लिए कीड़े को मारने वाली दवा खा लेती हैं। या फिर पुरान गुड़ या पपीता खाती है। असुरक्षित गर्भपात में महिलाओं की जान भी चली जाती है।

हर साल 47 हजार महिलाओं की मौत अनसेफ अबॉर्शन से होती है
अफ्रीका में महिलाओं को लाल चींटी की चटनी गर्भपात के लिए खिलाई जाती है। वहीं ब्रिटेन के लोगों का मानना था कि दांतों के खिंचाव से होने वाले दर्द से मिसकैरेज हो सकता है। इसलिए वो दांत पर दबाव डालत थे। इससे एक कदम आगे रोमन चिकित्सक प्लिनी द एल्डर ने कहा था कि कौवे के अंडे के उपर से गुजरने पर गर्भपात हो जाता है। जबकि मिस्त्र में अबॉर्शन के लिए मगरमच्छ के मल का इस्तेमाल किया जाता था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार आज भी हर साल 47 हजार महिलाएं अनसेफ अबॉर्शन की वजह से मौत का शिकार हो जाती है।