मुंह पर टेप, दोनों हाथ रस्सी से बंधे, पूरे शरीर पर ‘खून ही खून’ जानें इस तस्वीर का ‘200’ से क्या है मतलब

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Israel Hamas Conflict: इजरायल और हमास के बीच जंग को छह महीने से अधिक हो गया है. एक तरफ इजरायल हमास को पूरी तरह खत्म करने की कोशिश में लगा है, गाजा को बर्बाद करने के बाद अगले शहर राफा पर भी हमला शुरू कर दिया है, दूसरी तरफ इजरायल से जो तस्वीरें सामने आई हैं, विचलित कर सकती हैं.

सबसे पहले तस्वीर का मामला समझे
जो तस्वीरें सामने आई हैं, यह इजरायल के सेना मुख्यालय के सामने की है. बंधक परिवारों के एक बड़े समूह ने हमास द्वारा बंदी बनाए गए लोगों की पोशाक पहनकर प्रदर्शन किया, लाल रंग में रंगे हुए और हाथों में रस्सियाँ लपेटे प्रदर्शनकारियों का एक समूह मदद की गुहार लगा रहा है, अपने रिश्तेदारों की वापसी के लिए समझौते की मांग करते हुए सेना मुख्यालय के बाहर बैठकर इन सबकी एक ही मांग है कि जल्द उनके लोग रिहा हो. मुंह पर टेप लगा, दोनों हाथ रस्सी से बंधे, पूरे शरीर पर लाल रंग. यह वेशभूषा हमास के खिलाफ विरोध जताने का जरिया था.

टेप पर 200 से क्या मतलब है?
7 अक्टूबर 2023 से अब तक 200 दिन हो गए जब हमास के लोग इजरायली नागरिकों, सैनिकों को बंधक बना ले गए थे. 200 दिन पूरे होने पर बंधक परिवारों के एक समूह ने गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए अपने प्रियजनों के लिए मंगलवार रात तेल अवीव के बंधक स्क्वायर में एक खुला प्रश्नोत्तर पैनल आयोजित किया था. सार्वजनिक पैनल के बाद, बंधक परिवारों के एक बड़े समूह ने हमास द्वारा बंदी बनाए गए लोगों की पोशाक पहनकर प्रदर्शन किया, उन्होंने मुंह पर जो टेप लगाया था, उस पर 200 लिख रखा था, उसका मतलब यही है कि आज हमारे अपने 200 दिनों से हमसे दूर हैं, और हमास के कब्जे में हैं.

किसने किया ये आयोजन
होस्टेजेज एंड मिसिंग फैमिलीज फोरम द्वारा आयोजित, क्यू एंड ए पैनल ने होस्टेजेज स्क्वायर पर यह कार्यक्रम रखा था. इस कार्यक्रम में बंधकों के रिश्तेदारों, शोक संतप्त माता-पिता, आंतरिक रूप से विस्थापित इजरायलियों और सुपरनोवा रेव नरसंहार के एक जीवित बचे व्यक्ति को बुलाया गया था.

सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्‍सा
इजराइल-हमास जंग को 200 दिन पूरे हो चुके हैं. इजराइली नागरिकों में प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. राजधानी तेल अवीव समेत कई शहरों में हजारों प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं.

7 अक्टूबर 2023
बीते सात अक्टूबर में हमास के लड़ाकों का ग़ज़ा के रास्ते इसराइल में घुसकर हमला करने, करीब 1200 लोगों की मौत और सैकड़ों लोगों को बंधक बनाए जाने की घटना को अब छह महीने होने को हैं. जवाब में इसराइल ने बंधकों को छुड़ाकर वापस घर लाने और “हमास को बर्बाद और उसे ख़त्म” करने की कसम खाई, ताकि वह आगे भविष्य में ख़तरा न बने. इसके बाद से जारी नृशंस जंग में, हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कम से कम 35 हज़ार फ़लस्तीनियों की जान गई है और गाजा पट्टी का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो चुका है.

गाजा में कितने बंधक बचे हैं?
इसराइल के आधिकारिक आंकडों के अनुसार सात अक्टूबर को 253 लोगों को बंधक बनाकर ले जाया गया था.
इनमें से:

109 लोगों को अलग-अलग सौदों या बंदियों की अदला-बदली के समझौते के तहत रिहा कर दिया गया.

तीन को सीधे इसराइली सेना ने सैन्य अभियान चलाकर बचाया
11 बंधकों के शव बरामद किए गए. इनमें वे तीन भी शामिल थे, जिन्हें आईडीएफ़ ने एक अभियान के तहत मारने की बात स्वीकारी थी.
बंधकों में सबसे युवा की उम्र 18 साल और सबसे बुज़ुर्ग की 85 साल बताई गई है.

बाकी बचे 130 बंधकों में से इसराइल के अनुसार 34 की मौत हो गई है.
हमास का कहना है कि आईडीएफ़ के हवाई हमलों की वजह से मारे गए बंधकों की संख्या और अधिक है. लेकिन इन आरोपों की पुष्टि करना संभव नहीं है.
हमास के कब्ज़े में गए दो सबसे छोटी उम्र के बंधकों के नाम एरियल और फ़िर है, जिनकी उम्र बंधक बनाए जाने के समय क्रमशः 4 साल और 9 महीने थी. ऐसा कहा गया कि ये दोनों अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन इनकी मौत की पुष्टि नहीं हुई है.