यूपी में राहुल गांधी की न्याय यात्रा का रास्ता सोच समझकर चुना गया है, निशाने पर हैं ये लोकसभा सीटें

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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी 14 जनवरी से मणिपुर से मुंबई तक की यात्रा शुरू कर रहे हैं. कांग्रेस ने गुरुवार को मणिपुर से मुंबई तक यात्रा का रूट मैप जारी करते हुए यात्रा का नाम बबदलकर ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ कर दिया है. राहुल गांधी 66-68 दिनों में मणिपुर से मुंबई तक 6713 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे. इस दौरान वो 15 राज्यों में 110 जिलों की 100 लोकसभा सीटों से होकर गुजरेंगे. हालांकि, पार्टी ने पहले 14 राज्यों की 6200 किलोमीटर की दूरी तय करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब कांग्रेस ने अपने रूट में अरुणाचल प्रदेश को भी शामिल कर लिया है.

कांग्रेस ने गुरुवार को मणिपुर से मुंबई तक की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का जो रूट मैप जारी किया है, उसमें राहुल गांधी सबसे ज्यादा समय उत्तर प्रदेश में गुजारेंगे. यूपी में राहुल गांधी 11 दिनों में 1,074 किलोमीटर की यात्रा तय करेंगे. इस दौरान वो सूबे के 20 जिलों की 23 लोकसभा सीटों को कवर करेंगे. राहुल गांधी यूपी में चंदौली से दाखिल होंगे और उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के होते हुए अमेठी और रायबरेली पहुंचेगे. उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का दावा है कि राहुल गांधी के यूपी में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के करने से कार्यकर्ताओं में जोश पैदा होगा और वो एकजुट होकर मैदान में उतरेंगे. साथ ही जनता का भी पार्टी से जुड़ाव होगा, जोकि लोकसभा चुनाव में मददगार बनेगा.

यूपी के इन जिलों से होकर गुजरेगी यात्रा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत यूपी में सबसे लंबे समय तक रहेंगे यानी 11 दिन गुजारेंगे. राहुल गांधी सूबे में हाई-प्रोफाइल लोकसभा क्षेत्रों से गुजरेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय सीट वाराणसी से लेकर सोनिया गांधी की रायबरेली और अपनी पुरानी सीट अमेठी की यात्रा करेंगे, जहां से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सांसद हैं. राहुल गांधी यूपी में चंदौली, वाराणसी, भदोही, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर, शाहजहांपुर, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, मेरठ, अलीगढ़, मथुरा, एटा, कासगंज और आगरा से होकर गुजरेगी.

रूट के पीछे कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस ने राहुल गांधी के न्याय यात्रा का जो रूट यूपी में बनाया है, वो यूं ही नहीं बनाया है बल्कि उसके पीछे सियासी मकसद छिपा हुआ है. राहुल यूपी में जिन 22 जिलों के करीब 22 लोकसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेंगे, उसमें से लगभग 15 सीटों पर ही कांग्रेस ने 2024 के चुनाव लड़ने की प्लानिंग कर रखी है. इसलिए राहुल गांधी की यात्रा के जरिए उन सीटों पर सियासी माहौल बनाने की रणनीति मानी जा रही है. पिछले साल राहुल गांधी अपने पहले चरण चरण की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सिर्फ पश्चिमी यूपी की तीन जिलों को ही कवर कर सके थे, लेकिन इस बार 20 जिलों से होकर गुजरेंगे.पूर्वांचल से लेकर अवध, रुहेलखंड से पश्चिमी यूपी और बृज क्षेत्र तक को मथने का प्लान है.

रूट वाली सीट पर लड़ने का प्लान
कांग्रेस ने यूपी में 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का प्लान बनाया है, जिन्हें बकायदा चिन्हित भी कर लिया है. कांग्रेस ने 2009 के चुनाव में जीती हुई सीटों के अलावा दूसरे दलों के आए नेताओं की सीटों का चयन किया है. राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के जरिए जिन क्षेत्रों से गुजरेंगे उनमें वाराणसी, फूलपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, अलीगढ़, फतेहपुर सीकरी और आगरा सीट पड़ेंगी. इन्हीं सीटों पर कांग्रेस ने 2024 के चुनाव में लड़ने की प्लानिंग कर रखी है. हालांकि, इसके अलावा भी कुछ सीटें है, जहां पर वो चुनाव लड़ेगी, लेकिन वो यात्रा के रूट पर नहीं पड़ रही हैं.

राहुल गांधी यूपी की जिन लोकसभा सीटों से गुजरेंगे, उनमें से सात सीटों पर कांग्रेस 2009 में जीतने में सफल रही थी. 2014 और 2019 में कांग्रेस को यूपी में करारी मात खानी पड़ी है. मौजूदा समय में कांग्रेस सिर्फ रायबरेली सीट पर ही अपना कब्जा बनाए हुए है, जहां से उनकी मां सोनिया गांधी सांसद हैं. इसके अलावा राहुल गांधी ने 2019 में अपनी परंपरागत सीट अमेठी भी बीजेपी के हाथों गवां दी है. राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान जिन 22 लोकसभा सीटों से गुजर रहे हैं, उनमें से दो सीटें छोड़कर बाकी सभी सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. राहुल गांधी के यात्रा से पहले यूपी कांग्रेस इकाई ने पश्चिमी यूपी से लेकर लखनऊ तक की यूपी जोड़ो यात्रा शुरू कर रखी है ताकि पहले से ही सियासी माहौल बन सके.

दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर गुजरता
सियासत में एक कहावत है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है. यह बात ऐसी ही नहीं कही जाती है बल्कि उसके पीछे एक मजबूत तर्क भी है. देश की सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें यूपी में हैं. सूबे में 80 लोकसभा सीटें आती हैं, जो कुल सीटों का 15 फीसदी है. इसके अलावा ज्यादातर प्रधानमंत्री यूपी से ही प्रतिनिधित्व करते रहे हैं. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, वीपी सिंह, चंद्रशेखर और अटल बिहारी वाजपेयी यूपी से सांसद रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी की वाराणसी सीट से सांसद हैं. बीजेपी की लगातार दो बार सत्ता पर काबिज होने के पीछे भी यूपी की अहम भूमिका रही है.

2014 में बीजेपी नेतृत्व वाला एनडीए यूपी की 80 में से 73 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रहा था, तो 2019 में 64 सीटें जीती थीं. इस तरह से 2024 में बीजेपी ने क्लीन स्वीप का टारगेट तय किया है, तो विपक्ष ने यूपी में ही बीजेपी को मात देने का प्लान बनाया है ताकि मोदी को सत्ता की हैट्रिक लगाने से रोका जा सके. यूपी में सपा, कांग्रेस और आरएलडी ने एक साथ गठबंधन कर रखा है. अब राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा लंबा समय यूपी में गुजारेंगे और बीजेपी के खिलाफ सियासी माहौल बनाने की कवायद करते नजर आएंगे.

कांग्रेस ने रणनीति बनाई है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा में विपक्षी गठबंधन INDIA के सहयोगी दलों को भी शिरकत करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस के साथ सहयोगी पार्टियों, सिविल सोसायटी, समाज संगठनों को यात्रा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा भारतीय राजनीति में एक परिवर्तनकारी आंदोलन साबित हुई है. ऐसे में सभी की एकमत राय थी कि हमें दोनों को मिलाना चाहिए और यही कारण है कि इस यात्रा का अब भारत जोड़ो न्याय यात्रा नाम रखा गया है.

कांग्रेस ने बीजेपी को एक बड़ी चुनौती भी दे डाली
कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव और न्याय यात्रा के लिए गुरुवार को बैठक की. इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि दिन रात मेहनत करके हम लोकसभा चुनाव में वैकल्पिक सरकार देंगे. उन्होंने कहा कि जहां हम कमजोर हैं, वहां एक निश्चित समर्थन आधार वाले लोगों और सीटों की पहचान की जानी चाहिए. कांग्रेस प्रमुख ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अल्पसंख्यक बहुल सीटों पर नेतृत्व विकास पर जोर दिया. उन्होंने अपने नेताओं से यह सुनिश्चित करने को कहा कि एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से न जाए हटाए.

मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सोनिया के कार्यकाल का विशेष उल्लेख किया और कहा कि मार्च 2001 में बेंगलुरु में कांग्रेस सत्र में पार्टी ने एनडीए को सत्ता से हटाने का संकल्प लिया था. 2004 में सोनिया जी के नेतृत्व में हर राज्य में पूरे मन से और लगातार काम हुआ. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को हराया और हमारी सरकार 10 साल तक सत्ता में रही. उस समय हर गांव और शहर से हमारे कार्यकर्ता खड़े हो गए. अब फिर पार्टी को आगे ले जाने के लिए उसी समर्पण के साथ काम करने का समय आ गया है. मुझे विश्वास है कि 2024 में मोदी सरकार को सत्ता से हटाकर एक वैल्किपक सरकार देने का काम करेंगे.

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा की विस्तार से चर्चा करते हुए यात्रा का मकसद बताकर बीजेपी को एक बड़ी चुनौती भी दे डाली है. उत्तर से दक्षिण की यात्रा INDIA गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी. 14 जनवरी से शुरू होने वाली यह यात्रा पूरब से पश्चिम यानी मणिपुर से मुंबई तक कुल 6700 किमी लंबी यात्रा तय करेगी. 20 मार्च 2024 को इस यात्रा के सम्मान के पहले 15 राज्यों और 110 जिलों में कांग्रेस अपनी बात-एजेंडा रखने में कामयाब होगी.