शादी के समय दूल्हा-दुल्हन को मेहंदी लगाने की रस्म बेहद खास होती है, लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं?

The ritual of applying mehendi to the bride and groom at the time of marriage is very special, but do you know the reason behind it?
The ritual of applying mehendi to the bride and groom at the time of marriage is very special, but do you know the reason behind it?
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शादी और नए जीवन की शुरुआत के साथ आने वाली जिम्मेदारियों की चिंता का सामना करना पाना किसी भी लड़के-लड़की के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में भारतीय शादियों में वर्षों से रस्म के दौरान कई ऐसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, जो नए जोड़े के तनाव को कम करने में मदद कर सके। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है मेहंदी लगाने की रस्म।

यह रस्म शादी से एक दिन पहले दूल्हा-दुल्हन के घरों में होता है। इसे अलग-अलग परिवारों के अलग-अलग रीति-रिवाजों के अनुसार गाने और डांस के साथ पूरा किया जाता है। दुल्हन के हाथों में लगने वाली मेहंदी की एक खास बात होती है, इसमें दूल्हे के नाम को बहुत छिपाकर लिखा जाता है। जिसे बाद में दूल्हे को खोजना होता है, ऐसा दोनों के बीच हंसी मजाक के लिए किया जाता है। इस लेख में आप इस रस्म से जुड़ी कई अन्य मान्यताओं और महत्व को डिटेल में जान सकते हैं।

इतना पुराना है मेहंदी लगाने का इतिहास
माना जाता है कि मेहंदी का इस्तेमाल लगभग 5,000 वर्षों से शरीर पर डिजाइन बनाने के लिए किया जा रहा है। जहां कुछ विद्वान इसे प्राचीन भारत की देन मानते हैं, तो कुछ इसे मुगल और इजिप्त के समय का बताते हैं। लेकिन इस बात में कोई दोराय नहीं कि भारत में मेंहदी को शादी का अहम हिस्सा बनाकर सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है।

सौभाग्य और आशीर्वाद का प्रतीक

मेहंदी सौभाग्य, दांपत्य जीवन की खुशी, समृद्धि, प्यार और आशीर्वाद का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि यह दूल्हा-दुल्हन को नकारात्मक शक्ति से बचाने और उनके नए जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को भरने का काम करता है। इसके अलावा मेहंदी को कई जगह फर्टिलिटी का प्रतीक भी समझा जाता है।

रंग बताता है रिश्तों की गहराई

मेहंदी दंपति और उनके परिवारों के बीच प्यार और स्नेह को दर्शाता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, यदि दुल्हन के हाथ पर मेहंदी रंग का काला रचे तो इसका मतलब उसका पति के साथ संबंध बहुत ही प्यार भरा होगा।

वहीं, यदि मेहंदी का रंग दुल्हन और उसकी सास के बीच प्यार और समझ को भी दर्शाता है। माना जाता है कि मेहंदी का रंग जितना लंबा रहता है, नवविवाहितों के लिए उतना ही शुभ होता है।

अच्छी रहती है सेहत

मेहंदी नेचुरल रूप से ठंडा होता है, जिससे इसे हाथों और पैरों पर लगाने से तनाव और घबराहट कम करने में मदद मिलती है। ऐसे में शादी के दौरान दूल्हा-दुल्हन को रिलैक्स महसूस कराने के लिए भी मेहंदी लगाई जाती है। इसके अलावा इसमें हीलिंग क्वालिटी भी होती है, जो बुखार, दर्द, वायरल और थकान को दूर करने का काम करता है।

मेहंदी से बढ़ती है जोड़े के बीच नजदीकियां
मेहंदी के रंग और इसकी सुगंध में कामोत्तेजक गुण होते हैं, जो शादी के बाद नवविवाहित जोड़ों के बीच नजदीकियों को बढ़ाने का काम करते हैं। इसके साथ ही दूल्हा-दुल्हन को लगाई जाने वाली मेहंदी में लौंग, नीलगिरी के तेल जैसी सामग्री मिलाई जाती है। इसमें मौजूद औषधीय गुण दुर्गंध और इंफेक्शन को रोकने में प्रभावी रूप से मदद करते हैं।