लगातार घंटों बाथरुम में नहाती रहती थी पत्नी, पति भी हो गया परेशान, फिर एक दिन…

The wife used to bathe in the bathroom continuously for hours, the husband also got upset, then one day...
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शिवपुरी। शिवपुरी जिले में एक विवाहिता फंदे पर लटकी मिली। महिला के पति का कहना है कि वह मानसिक बीमार थी। उसे हर तरफ गंदगी दिखाई देती थी, इसलिए वह घंटों नहाया करती थी। जबकि महिला के पिता का आरोप है कि दामाद ने 10 लाख रुपए की मांग की थी। नहीं देने पर उसने बेटी को मार डाला।

पुष्पा धाकड़ (32) की शादी 29 जनवरी 2015 को पोहरी के रहने वाले नरेंद्र धाकड़ से हुई थी। उनका पांच साल का एक बेटा है। शुक्रवार को पुष्पा सास-ससुर के साथ शादी में गई थी। वहां से देर रात लौटे। दूसरे दिन शनिवार को जब घर में सभी सो रहे थे, तभी शाम करीब 4 बजे पुष्पा फंदे पर लटकी मिली। पोहरी थाना प्रभारी बलविंदर ढिल्लन ने बताया कि शव का पोस्टमॉर्टम कराया है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कह पाएंगे। महिला के मायके वालों के बयान लेना बाकी है। जांच की जा रही है।

पिता ने कहा- डिप्लोमाधारी को इंजीनियर बताकर कर ली शादी

ग्वालियर कंपू क्षेत्र के रहने वाले देवी सिंह राजपूत ने बताया कि बेटी पुष्पा के ससुरालवालों ने शादी के समय नरेंद्र को सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताया था। बेटी खुश रहे, इसलिए हमने दहेज में एक कार सहित 15 लाख रुपए दिए थे। नरेंद्र दिल्ली में जॉब करता था। शादी के बाद वो बेटी को दिल्ली ले गया। बाद में हमें पता लगा कि नरेंद्र ने इंजीनियरिंग नहीं की है, वह डिप्लोमाधारी है। शादी के कुछ साल बाद से वह मेरी बेटी को प्रताड़ित करने लगा। वह कामधंधा करने के लिए 10 लाख की मांग कर रहा था। हमने रुपए नहीं दिए तो बेटी को मारकर फंदे पर लटका दिया। अब बेटी की हत्या को सुसाइड सिद्ध करना चाहते हैं।

पति बोला- उसे हर जगह गंदगी दिखती थी, इसलिए घंटों नहाती थी

पुष्पा के पति नरेंद्र का कहना है कि जब हम दिल्ली में थे। पुष्पा घंटों बाथरूम में नहाती रहती थी। मुझे जॉब के लिए जाना होता था, लेकिन वह अक्सर टिफिन बनाकर नहीं देती थी। जिसके चलते मैं कई बार कैंटीन में ही खाना खाता था। इसी बात को लेकर हमारा झगड़ा होने लगा। इसकी शिकायत मैंने अपनी सास से भी की थी, लेकिन उन्होंने उसे नहीं समझाया।

लॉकडाउन के कारण कंपनी से मुझे वर्क फ्रॉम होम के निर्देश मिले थे। मैं पत्नी और बेटे के साथ घर पोहरी वापस आ गया था। कोरोना काल के दौरान हम घर पर ही थे। इसी दौरान मुझे पुष्पा की बीमारी का पता लगा। उसके पर्स में मैंने मानसिक उपचार के पर्चे देखे थे। यह उपचार पुष्पा ने अपने मायके में कराया था। ये बात मुझे नहीं बताई गई थी। पुष्पा की बीमारी का पता लगा तो मैं भी उसे सहयोग करने लगा।

कोरोना का असर कम हुआ तो कंपनी ने मुझे मुंबई भेज दिया। इस बार मैं पुष्पा को उसकी हरकतों की वजह से साथ नहीं ले गया। सोचा घर में ही उसका उपचार सही से हो सकेगा। वह इससे पहले भी तीन बार सुसाइड की कोशिश कर चुकी थी। वह मेरी मां से अक्सर मरने की बातें किया करती थी।